अनूप कुमार
फैजाबाद.मंडल के पांच जिलो में हुई सहायक शिक्षकों की भर्ती में हुए बड़े फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद सवालों के घेरे में प्रदेश के दो बड़े नामचीन विश्वविद्यालय आ रहे है। जिसमें पहला नाम जौनपुर के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी जबकि दूसरा नाम प्रदेश की राजधानी में स्थित लखनऊ विश्वविद्यालय का है।
शिक्षकोंकी भर्ती के बाद सत्यापन की प्रक्रिया में जिन 81 क्षेत्रोंकी डिग्रियां फर्जी पायी गयीं है, उनमें सर्वाधिक संख्या जौनपुर की है। जबकि उसके बाद नंबर आता है लखनऊ और लखनऊ से सटे हरदोई और उन्नाव जनपद का।
जहां के रहने वाले अभ्यर्थियों ने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा करते हुए फर्जी डिग्री के सहारे नौकरियां हथिया लीं। इसके चलते आधे लोगों को तो उनकी नियुक्ति के लिए तय किये गए विद्यालय भी उपलब्ध करा दिए गए थे। अब सवाल ये उठता है की इतनी नामचीन शिक्षण संस्थाओं के नाम पर फर्जी डिग्रियां बनाकर इतना बड़ा फर्जीवाडा कैसे हो गया और किसी को खबर नहीं हुई।
सर्वाधिक फर्जी 19 डिग्रियां बनी
इस बड़े फर्जीवाड़े में जो खुलासे हुए है वो बेहद चौंकाने वाले है। संयुक्त शिक्षा निदेशालय से पत्रिका टीम को जो दस्तावेज उपलब्ध कराये गए है उनकी जांच में ये बात सामने आई है कि शिक्षकों के प्रपत्रों के सत्यापन में जिन 81 सहायक अध्यापकों की डिग्रियां फर्जी पायी गयीं है, उनमें सर्वाधिक संख्या 19 जौनपुर जनपद की है। जौनपुर के अभ्यर्थियों की डिग्रियां की जांच में ये पाया गया की उनकी डिग्रियां फर्जी है साथ ही जौनपुर के अलावा पड़ोसी जनपद आजमगढ़ और बलिया के क्षेत्रों की डिग्रियां भी फर्जी पायी गयीं है।
दिलचस्प बात तो ये है कि फर्जी पाए गए प्रपत्रों में अभ्यर्थियों के सर्वाधिक स्नातक के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गये है। वहीं बीएड की भी डिग्रियां फर्जी पायी गयी हैं। गौरतलब है कि जौनपुर में ही वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय है। और आस पास के जनपदों के तमाम महाविद्यालय इसी विश्वविद्यालय से संबध है ऐसे पूर्वांचल विश्वविद्यालय पर सवाल उठाना लाजमी है।
राजधानी लखनऊ के अभ्यर्थी भी नहीं रहे पीछे
फैजाबाद में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में हुए फर्जीवाड़े में बदनामी के छींटे सूबे की राजधानी में स्थित लखनऊ विश्वविद्यालय के दामन पर भी पड़े है। संयुक्त शिक्षा निदेशक की जांच में पाया गया है कि जिन अभ्यर्थियों की डिग्रियां फर्जी पायी गयी है उनमें लखनऊ, उन्नाव और हरदोई की भी बड़ी संख्या है। इन शहरों के अभ्यर्थियों ने अपनी नियुक्ति के दौरान स्नातक और बीएड की फर्जी डिग्रियों का सहारा लिया और नौकरी पा ली इन तीनों शहरों के रहने वाले अभ्यर्थियों में लखनऊ के 6 उन्नाव के 4 और हरदोई के 9 अभ्यर्थी शामिल है।
सत्यापन में हुए इस फर्जीवाड़े के खुलासे ने धोखाधड़ी करने वाले इन अभ्यर्थियों के मंसूबो पर पानी फेर दिया और ये सभी फर्जी शिक्षक पकड़े गए।
कुछ शिक्षकों की तो सभी डिग्रियां जांच में निकली फर्जी
फैजाबाद में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में हुए भारी फर्जीवाड़े में केंद्र और प्रदेश सरकार की शिक्षा नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए है। प्रदेश में शिक्षा का स्तर आखिर कैसे ऊंचा होगा जब नौनिहालों को ज़िन्दगी का ककहरा सिखाने वाले मास्टरजी की खुद की शिक्षा की नींव फर्जी डिग्रियों एक सहारे खड़ी है। संयुक्त शिक्षा निदेशालय की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आये है। संयुक्त शिक्षा निदेशक ने अपनी जांच में जिन 81 शिक्षकों को अयोग्य घोषित कर उनकी नियुक्ति रद्द की हैं उनमें तमाम ऐसे भी शिक्षक है जिनकी इंटर,स्नातक और बीएड सभी डिग्रियां फर्जी पायी गयीं है।
ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर कैसे इतना बड़ा फर्जीवाडा हो गया और इन शिक्षकों ने इंटर से लेकर बीएड तक की फर्जी डिग्रियां बनवा ली। किसी को खबर नहीं हुई जाहिर तौर पर इस मामले की बड़े पैमाने पर जांच की जरूरत है जिससे इस फर्जीवाड़े का खुलासा हो और शिक्षा के मूलभूत ढांचे को कमज़ोर होने से बचाया जा सके।
देखें वीडियो-
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