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आरसीबी के लिए टर्निंग प्वाइंट बना मलिंगा का ‘नो बॉल’
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (RCB) और मुंबई इंडियंस (MI) के बीच खेले गए एक मैच के दौरान लसिथ मलिंगा ने मैच की आखिरी गेंद ‘नो बॉल’ डाली। इसे अंपायर रवि सुंदरम नहीं देख सके। इस करीबी मैच में रॉयल चैलेंजर बेंगलोर को 6 रन से हार का सामना करना पड़ा। संभव है कि वह गेंद अगर नो बॉल दे दी गई होती तो आरसीबी यह मैच जीत जाती और अभी जो प्लेऑफ की तस्वीर दिख रही है, वहीं होती, बल्कि कुछ और होती।
अंपायर रवि सुंदरम की इस गलती पर आरसीबी कप्तान विराट कोहली काफी भड़के थे। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि ऐसा लगता ही नहीं कि हम आइपीएल में खेल रहे हैं। ऐसा लगता है कि क्लब क्रिकेट खेल रहे हैं। अंपायरों को अपनी आंखें खुली रखनी चाहिए।
इस तरह बदल जाती तस्वीर
फिलहाल 11 अंक लेकर 8वें स्थान पर है आरसीबी। अगर इस मैच में वह जीत जाती तो ग्रुप चरण खत्म होने पर उसके अंक होते 13 और अंक तालिका में वह आठवें से सीधे छलांग लगाकर चौथे पर होता। यानी 12 अंक लेकर प्ले ऑफ में जाने वाली हैदराबाद चौथी टीम नहीं होती, बल्कि 13 अंकों के साथ आरसीबी होती। इस नतीजे का इतना ही असर नहीं पड़ता। 18 अंक लेकर बेहतर रन रेट के आधार पर अंक तालिका में पहले स्थान पर पहुंची मुंबई 16 अंकों के साथ तीसरे स्थान होती और वह आरसीबी के साथ एलिमिनेटर खेलती। इसके अलावा चेन्नई और दिल्ली 18 अंकों के साथ क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर होती और पहले क्वालिफायर में वे दोनों भिड़ी होतीं।
अश्विन ने फेंकी ओवर में सात गेंद
मोहाली में मुंबई इंडियंस और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच खेले गए एक मैच में अंपायर की गलती के कारण किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान आर अश्विन को पारी के पहली ही ओवर में 7 गेंद फेंकनी पड़ी थी। इस मैच में टॉस जीतकर किंग्स इलेवन पंजाब ने पहले गेंदबाजी का फैसला लिया और पहला ओवर करने खुद आए अश्विन ने काफी अच्छी गेंदबाजी की और अपने ओवर की छह गेंद पर मात्र 3 रन दिए, लेकिन यह क्या अंपायर ने ओवर समाप्त नहीं किया और अश्विन को इस ओवर में सातवीं गेंद भी फेंकनी पड़ी। इस गेंद पर मुंबई इंडियंस के ओपनर क्विंटन डिकॉक ने चौका जड़ दिया और तीन रनों वाला यह ओवर 7 रन का हो गया।
धोनी भिड़े अंपायर से
राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स ग्रुप मैचों में आमने-सामने थे। मैच का आखिरी ओवर चल रहा था। जीत के लिए सीएसके को तीन गेंद पर 8 रन बनाना था। गेंदबाजी कर रहे थे बेन स्टोक्स। चौथी गेंद को पहले अंपायर उल्हास गंधे ने नो बॉल दिया, लेकिन लेग अंपायर ब्रुस ऑक्सनफोर्ड की सलाह पर फैसला बदल दिया। इसके बाद डग आउट में बैठे सीएसके के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपना आपा खो बैठे। वह सीधे मैदान में पहुंच और अंपायर से बहस कर बैठे। रिप्ले में स्पष्ट दिखा कि यह गेंद नो बॉल थी। हालांकि इसके बावजूद अंपायर ने उस गेंद को नो बॉल नहीं दिया और उसका खामियाजा धोनी को मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना चुका कर भुगतना पड़ा। हालांकि वह मैच चेन्नई जीत गई, इसलिए इस गलत फैसले का ज्यादा असर सीएसके की टीम पर नहीं पड़ा।
अंपायर नाइजल लॉन्ग खो बैठे आपा
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच लीग राउंड का आखिरी मैच था। हैदराबाद की बल्लेबाजी के दौरान अंपायर नाइजल लॉन्ग ने आरसीबी के तेज गेंदबाज उमेश यादव की एक गेंद को नोबॉल करार दे दिया। इस पर आरसीबी कप्तान विराट कोहली की अंपायर से बहस हो गई कि वह गेंद नोबॉल नहीं है। मैदान में लगी स्क्रीन पर रिप्ले में भी स्पष्ट दिखा कि वह गेंद सही फेकी गई थी। इसके बावजूद अंपायर ने अपना फैसला नहीं बदला। इतना ही नहीं वह विराट कोहली के साथ हुए इस विवाद के बाद इतने गुस्से में थे कि वह जब हैदराबाद की पारी समाप्त होने के बाद ब्रेक के दौरान अंपायर रूम में आए तो गुस्से में कमरे दरवाजे पर इतनी जोर से लात मारी कि दरवाजे को नुकसान पहुंचा। इसकी शिकायत कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन ने मेल भेजकर सीओए से की। हालांकि उन्होंने बतौर हर्जाना कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन को 5000 रुपए दे दिए। लेकिन मामला इतने पर ही नहीं रुका है। अब इस मामले की जांच कर आईपीएल संचालन समिति उन पर कार्रवाई भी कर सकती है।