सौरभ गांगुली के साथ बैठक में बीसीसीआई सीईओ थे मौजूद
सीओए प्रमुख विनोद राय ने स्पष्ट किया कि बीसीसीआई अब भविष्य में सिर्फ प्वाइंट ऑफ रेफरेंस के तौर पर काम करेगा, ताकि लोकपाल मामले को अपने स्तर पर पूरी तरह से समझ सकें।
इससे पहले दिल्ली कैपिटल्स के सलाहकार सौरभ गांगुली के खिलाफ हितों के टकराव मुद्दे पर लोकपाल डीके जैन के साथ हुई बातचीत में बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी भी मौजूद थे। लोकपाल के सामने उन्होंने इस मुद्दे पर बोर्ड का पक्ष भी रखा था। राहुल जौहरी की मौजूदगी पर काफी सवाल उठे थे। शायद इसीलिए सीओए ने यह निर्णय लिया है। सौरभ गांगुली बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और बोर्ड की क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य हैं और साथ ही दिल्ली कैपिटल्स के सलाहकार भी हैं। बता दें कि बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण भी हैं।
सीओए ने माना बोर्ड ने प्रतिनिधि भेजकर गलत किया था
बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि इस बार इस प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाएगा। सीओए को अब यह समझ में आ गया है कि उन्होंने रेफरेंस के लिए पेपर भेजने के बजाए बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी को भेजकर गलत किया था। अधिकारी ने कहा कि सौरभ गांगुली के साथ लोकपाल डीके जैन की बैठक में बोर्ड के प्रतिनिधि का होना गलत था। लोकपाल की नियुक्ति ही इसीलिए की गई है, ताकि जांच में किसी तरह का भेदभाव न हो। यदि बैठक में बोर्ड की तरफ से कोई जा रहा है तो मामले पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उसके रेफरेंस से प्रभाव पड़ सकता है।