इटारसी स्टेशन से इस समय रोज 24 घंटे में लगभग 150 जोड़ी डेली ट्रेनों के अलावा लगभग 50 विशेष ट्रेनें चल रही है। ये विशेष ट्रेनें चारों दिशाओं से इटारसी जंक्शन पर हाल्ट लेकर जा रही हैं। इटारसी समेत पूरे नर्मदापुरम संभाग से रोज लगभग 25 हजार से अधिक यात्रियों की ट्रेन से आवाजाही हो रही है। इनमें से यूपी- बिहार, दक्षिण भारत और मुंबई-दिल्ली तरफ लोग जा रहे हैं। इटारसी होकर दिल्ली तरफ जाने के लिए लगभग 25 जोड़ी ट्रेनें चलती है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार सबसे अधिक भीड़ मुंबई के एलटीटी से इटारसी होकर पटना- गोरखपुर, प्रयागराज, लखनऊ के लिए अधिक है। वहीं एलटीटी से यूपी-बिहार के लिए 30 जोड़ी ट्रेनें इटारसी होकर आवाजाही करती है, पर इसमें भी अगले 20 दिन तक नो रूम की स्थिति है। इटारसी से जबलपुर होकर इलाहबाद, पटना, गोरखपुर जाने वाली ट्रेनों में अगले 20 जून तक एसी में 50 तो स्लीपर में 150 से अधिक वेटिंग है।
पश्चिम मध्य रेलवे से गुजरने वाली ट्रेनों में अतिरिक्त ट्रैफिक को देखते हुए रेलवे अन्य जोनों से संपर्क कर लंबी दूरी तथा स्थानीय ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाने के अलावा स्पेशल ट्रेनें चला रही है।
– सुबेदार सिंह,पीआरओ, पमरे भोपाल मंडल। – इन ट्रेनों में लंबी वेटिंग इटारसी से होकर जाने वाली हमसफर, दूरंतो, गरीब रथ, राजधानी, पंजाब मेल, कर्नाटक एक्सप्रेस, श्रीधाम सुपरफास्ट, तेलंगाना, एपी, तमिलनाडु, गोंडवाना, ग्रैंड ट्रंक, मालवा, दक्षिण एक्सप्रेस, पातालकोट, पंजाब मेल, झेलम, संपर्क क्रांति, समता, केरला, मंगला दीप, सचखंड में अगले 15 से 20 जून तक 100 से उपर वेटिंग चल रहा है।
ट्रेनों में स्लीपर और जनरल कोच किए कम, एसी बढ़ाए रेलवे ने कोरोना काल के बाद बदलाव किए हैं। सभी यात्री ट्रेनों से स्लीपर एवं जनरल कोचों की संख्या को कम कर दिया है। सुपरफास्ट ट्रेनों में औसतन 5 से 7 स्लीपर और 2 से 3 जनरल रखे हैं, वहीं एसी वन से थ्री के कोच बढ़ाकर 8 से 9 तक कर दिया है। इससे यात्रियों की भीड़ बचे हुए कोचों में भेड़ -बकरियों की तरह यात्रा करने को मजबूर है। ट्रेन में आलम ये है कि लोगों के बैठना तो दूर, खड़े रहने की भी जगह नहीं मिल पा रही है।
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