यह नहीं किया तो परेशान हो जाएंगे किसान….आइए जाने कैसे
किसानों के लिए 20 सितंबर डेडलाइनखरीफ फसल का पंजीयन
इटारसी। खरीफ फसल के पंजीयन के लिए शासन ने 20 सितंबर की डेडलाइन फिक्स कर दी है। इस तारीख के बाद जो किसान पंजीकृत नहीं होंगे वे अपनी फसल को बेच नहीं पाएंगे। प्रशासन ने किसानों को 20 सितंबर के पहले अपनी खरीफ फसल का पंजीयन कराने के लिए जागरुक करना प्रारंभ कर दिया है।
२७ हजार पंजीयन पूरे
खरीफ फसल के पंजीयन प्रक्रिया अभी चालू है। अब तक करी 27 हजार किसानों ने खरीफ फसल का पंजीयन करा लिया है। इन किसानों के पंजीकृत होने से उन्हें योजना का लाभ लेने की पात्रता मिल गई है। कृषि विभाग के मुताबिक अभी भी बड़ी संख्या में किसानों ने अपना पंजीयन नहीं कराया है जिनके लिए 20 सितंबर अंतिम मौका है इसके बाद वे बाहर हो जाएंगे।
८४ केंद्रों में पंजीयन
कृषि विभाग के मुताबिक ८४ केंद्रों पर खरीफ फसलों के लिए पंजीयन का काम किया जा रहा है। इन केंद्रों में कृषि उपज मंडियों को भी शामिल किया गया है। किसी भी तहसील का किसान अपने तहसील क्षेत्र की मंडी में जाकर खरीफ फसल बेचने के लिए अपना पंजीयन करा सकता है। यह सुविधा किसानों के लिए ही रखी गई है। इस बार मक्का लगाने वाले किसानों को भी अच्छा दाम मिलने की उम्मीद है। मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य १७०० रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। कृषि विभाग को उम्मीद है कि इस बार मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित होने से किसानों को उनकी मक्का के अच्छे दाम मिलेंगे। किसानों को परेशानी से बचने के लिए प्राथमिकता से पंजीयन कराना चाहिए।
एक नजर में रकबा
फसल का कुल रकबा- 3 लाख हेक्टेयर
धान का रकबा- 1.५० लाख हेक्टेयर
मक्का का रकबा- 30 हजार हेक्टेयर
अब तक पंजीकृत किसान- करीब 27 हजार
20 सितंबर तक होंगे
खरीफ फसल के पंजीयन के लिए 20 सितंबर डेडलाइन है। उसके बाद पंजीयन नहीं होंगे। किसानों ने यदि ड्यू डेट में पंजीयन नहीं कराए तो बाद में वे अपनी फसल केंद्रों में नहीं बेच पाएंगे।
जीतेंद्र सिंह, उपसंचालक कृषि इटारसी
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