शहर के अंदर और आसपास जाने के लिए आवागमन का एक मात्र ऑटो हैं। ऑटो से सफर करने वालों को ज्यादा किराया चुकाना पड़ता है। मजबूरी में लोगों को ऑटो में सफर करना पड़ता है जिससे दिक्कत होती है। इसमें मेहरागांव की ओर लगातार चलने वाले ऑटो कम में मेहरागांव पहुंचा देते हैं लेकिन अलग से ऑटो करने पर किराया ज्यादा लगता है।
मेहरागांव- २ किलोमीटर – ४० से ६० रुपए
सोनासांवरी- डेढ़ किलोमीटर- ४० से १०० रुपए
जुझारपुर- ३ किलोमीटर- ६० से १५० रुपए तक
पथरौटा- ५ किलोमीटर- १०० रुपए से ज्यादा
सनखेड़ा- ६ किलोमीटर- १०० रुपए से ज्यादा
फैक्टी – १४ किलोमीटर- १०० रुपए से ज्यादा
शहर के आसपास जिन क्षेत्रों में लगातार ऑटो चलते हैं उसमें नया यार्ड है। इसके बीच मेहरागांव पड़ता है। इसके अलावा सोनासांवरी, सनखेड़ा, पथरौटा, जुझारपुर लगातार ऑटो नहीं चलते हैं। इसलिए यहां के लिए मनमाना किराया लिया जाता है।
शहर में आसपास दूर गांवों से स्कूल और कॉलेज पढऩे विद्यार्थी आते हैं। इन विद्यार्थियों को ज्यादा किराया चुकाना पड़ता है। किराया ज्यादा देने असमर्थ विद्यार्थियों को पैदल ही स्कूल-कॉलेज तक पहुंचना पड़ता है।
हरिओम वर्मा, सीएमओ इटारसी सिटी बस का प्रस्ताव नगर पालिका के माध्यम से शासन को भेजा जा सकता है। शासन से यह सुविधा मुहैया कराई जाती है।
मनोज तेहनगुरिया, आरटीओ इटारसी
फोटो–१३
खटारा बसों में सफर
बसों से सफर करना परेशानी भरा हो गया है। कुछ बसें पुरानी और खटारा हो गई है। इसमें सफर करना लोगों की मजबूरी बन जाती है क्योंकि कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धारित बस ही चलती हैं। कुछ बसों में पानी टपकता है। ऐसी बसों में बस संचालक पॉलीथिन का कवर चढ़ाकर संचालन कर रहे हैं। इस मामले में आरटीओ मनोज तेहनगुरिया का कहना है कि बसों की उम्र १५ साल होती है। जिन बसों को १५ साल हो चुके हैं उन्हें परमिट नहीं दिया जाता है।
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