आरोपी चोर ने इटारसी में आकर प्रेसीडेंट होटल में रूम लिया। वह होटल के ४३२ नंबर रूम में ठहरा और यहां बताया कि वह ऑफिसियल काम से आया और फिर दिन में घूमकर दुकानों की रैकी की और चोरी करने के लिए हाईवे की दुकानों को चुना। आरोपी ने जितेंद्र चौधरी और मुकेश जैन की दुकान सहित ५ दुकानों में चोरी की वारदात को अंजाम दिया था।
आरोपी आदतन चोर है। ग्वालियर पुलिस ने इसे २०१७ में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। जेल से जमानत मिलने के बाद बाहर आए आरोपी सचिन गौहर ने फिर चोरी की शुरुआत कर दी। आरोपी के अनुसार वह चोरी सुबह ४-५ बजे करता था जिससे लोग उस पर शक नहीं करे और सुबह घूमने फिरने वाले लोग उसे दुकानदार समझकर नजरअंदाज कर दें। पुरानी इटारसी में ऐसा हुआ भी था लोगों ने देख लिया था लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया।
आरोपी के निशाने पर छिंदवाड़ा की एक गोल्ड गिरवी में रखकर लोन देने वाली बैंक थी। इस बैंक में १४ किलो सोने पर हाथ साफ करने की योजना थी आरोपी ने इस बैंक का ताला भी तोड़ लिया लेकिन तीन घंटे तक प्रयास के बाद भी वह उसका लॉकर तोडऩे में सफल नहीं हुआ और फिर वह इटारसी आ गया।
आरोपी के अनुसार उसे कार चोरी करना होता था तो वह कार डीजल के यहां से चोरी करता था। पहले वह खरीददार बनकर सौदेबाजी करता और रात में डीलर के ऑफिस से ही चाबी और कागजात चोरी करके कार चुरा लेता था।
– ब्रांडेड कपड़े पहनता था जिससे लोग उस पर शक नहीं करते थे और उससे सर कहकर बात करते।
– चोरी कार से रैकी करता
– चोरी को अकेला अंजाम देता क्योंकि सहयोगी के पकड़े पर पुलिस के सामने पोल खुलने की संभावना रहती है।
संजय रघुवंशी, एएसआई थाना इटारसी