————- ४ महीने से कीमैन पर था दबाव ४ महीने पहले तक कीमैन के साथ ही ट्रेकमैन की ड्यूटी लगती थी। यह दोनों कर्मचारी मिलकर ६ किमी के सेक्शन की जांच करते थे। ४ महीने पहले यह पूरा काम कीमैन पर ही थोप दिया गया था और ट्रेकमैनों को हटा दिया गया था। जिस कीमैन की ड्यूटी लगती थी उसे करीब ३६ हजार चाबियों की जांच के साथ ही दोनों पटरियों व स्लीपरों में दरारों पर भी ध्यान देना होता था जो बहुत जटिल काम था। अब यह काम कीमैन के साथ मिलकर ट्रेकमैन करेंगे।
————- ९० किमी का है सेक्शन पवारखेड़ा से टिमरनी के बीच का सेक्शन करीब ९० किमी का है। इस सेक्शन में हर ६ किमी में २ कीमैन ड्यूटी करते हैं। जो विपरीत दिशाओं से जांच करते हुए आते हैं। भोपाल मंडल के इस सेक्शन में रेलवे ट्रेक की जांच का काम केवल कीमैन से कराने का पिछले ४ महीने से विरोध हो रहा था। डब्ल्यूसीआरईयू और डब्ल्यूसीआरएमएस के पदाधिकारियों ने इस मनमानी का अपने-अपने स्तर से विरोध किया था। संगठनों के विरोध के बाद मंडल के आला अफसरों ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
————- इनका कहना है संगठन ने पिछले दिनों एईएन कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर कीमैन के साथ ट्रेकमैन की ड्यूटी लगाने की मांग की गई थी। यूनियन ने पीएनएम के माध्यम से भी यह समस्या भी उठाई थी जिस पर मंडल कार्यालय ने आदेश जारी कर दिया है। यह यूनियन की कर्मचारी हित में बड़ी जीत है।
प्रीतम तिवारी, प्रवक्ता वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्प्लाइज यूनियन संगठन द्वारा कीमैन के साथ ट्रेकमैन नहीं लगाने के आदेश का विरोध किया गया था और पहले की तरह व्यवस्था रखने के लिए कहा गया था। इस संबंध में आदेश जारी हो गए हैं जिससे कीमैन कर्मचारियों पर काम का दबाव कम होगा।
अर्जुन उटवार, कार्यकारी अध्यक्ष इंजीनियरिंग ब्रांच डब्ल्यूसीआरएमएस