शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय केसला के छात्र लक्की खान ने कक्षा दसवी की प्रावीण्य सूची में प्रदेश में आठवां स्थान प्राप्त किया है। छोटे से गांव केसला के लक्की ने 97.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किये और उनको इतने नंबर की उम्मीद भी थी। आईआईटी का लक्ष्य है, और केसला में घर पर रहकर ही फिलहाल यू-ट्यूब के वीडियो देखकर तैयारी कर रहे हैं।
लक्की के पिता गफूर खान साप्ताहिक बाजारों में गांव-गांव जाकर कपड़े बेचने का व्यापार करते हैं, मां गृहिणी हैं। बड़ा भाई एमसीए की तैयारी कर रहा है। लक्की ने कहा कि वे पांच से छह घंटे प्रतिदिन पढ़ाई करते हैं, सुबह 2 घंटे और रात में चार घंटे।
लकी ने बताया कि उन्हें सफलता के लिए शार्टकट अपनाने से परहेज है, इसलिए पूरे वर्षभर पढ़ाई करते हैं। मोबाइल का उपयोग यू-ट्यूब पर शैक्षणिक कार्यक्रम और स्कूल के सोशल मीडिया ग्रुप के लिए ही करते हैं। स्कूल में शिक्षकों के योगदान को याद करके कहते हैं, कि सही मार्गदर्शन मिला तो यह सफलता मिल सकी। स्कूल के प्राचार्य एसके सक्सेना ने लकी को बधाई देते हुए इस सफलता से विभाग और स्कूल का गौरव बढ़ाया है।
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डॉक्टर बनना चाहती है इटारसी की श्रुति
मप्र के बोर्ड परीक्षा के 10 वीं की प्रादेशिक प्रावीण्य सूची में 10 वें स्थान आई इटारसी की गांधी नगर निवासी श्रुति यादव ने 97 प्रतिशत अंक पाकर शहर को गौरवान्वित किया है। श्रुति आंनद पब्लिक स्कूल की छात्रा है। उसने बताया कि वे इस मुकाम को पाने का श्रेय अपने माता अनिता और पिता राजेश यादव को देती है। उन्होंने कहा कि मेरा लक्क्ष्य डॉक्टर बनकर मरीजों की सेवा करनी है। उसने इस सफलता को पाने के लिए रोजाना 8 से 9 घंटे पढ़ाई करती थी।
— परीक्षा के वक्त टीवी देखना बंद कर दिया – रिषिका माशिम की 10 वीं परीक्षा में जिले की टॉपर प्रावीण्य सूची में द्वितीय स्थान प्राप्त नांलदा पब्लिक स्कूल शिक्षक नगर की छात्रा रिषिका अग्रवाल ने पढ़ाई के लिए परीक्षा के वक्त टीवी देखना बंद कर दिया था। मोबाइल पर केवल पढ़ाई से संबंधित वीडियो देखा करती थीं। मित्रता छोडऩे जैसी बातों से इनकार करती हैं, बल्कि मित्रों से भी आगे बढऩे में सहयोग मिलता है, जैसी बातें बताती हैं।
गौरतलब है कि रिषिका ने माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा दसवी की प्रावीण्य सूची में जिले में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। रिषिका को इस रिजल्ट को पाने में थोड़ा संदेह था, क्योंकि उन्हें लगता है कि एक विषय का पेपर अपेक्षा के अनुरूप नहीं था। रिजल्ट की जानकारी मिलने पर वे बेहद प्रसन्न हैं और अपने शिक्षकों, परिजनों के सहयोग पर धन्यवाद देती हैं। वे प्रतिदिन पढ़ाई के लिए चार से पांच घंटे देती हैं, उन्होंने कोचिंग की है और कोचिंग के बाद कम से कम चार घंटे पढ़ती थीं। उसका लक्ष्य आईआईटी करना है।
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टीचर्स और परिवार को श्रेय देती हूं – करूणा
कस्तुरबा नगर निवासी करूणा विश्वकर्मा ने 10 वीं की बोर्ड परीक्षा में शासकीय कन्या शाला सूरजगंज से 94 प्रतिशत अंक पाकर शाला और परिवार समेत शहर को गौरवान्वित किया है। करूणा ने बताया कि वह यह सफलता 5-6 घंटे की मेहनत से पाई है। उसका लक्क्ष्य बॉयोलाजी विषय लेकर डॉक्टर बनना है। करूणा ने भी परीक्षा के दौरान मोबाइल से दूरी बना ली थी। उसके पिता भगवानदास विश्वकर्मा ट्रक ड्राइवर और माता रजनी हाउस वाइफ है। रजनी ने कहा कि टीचर्स से मिले मार्गदर्शन, परिवार का सहयोग उनको बहुत अच्छा मिला, जिससे वे यह सफलता हासिल कर सकी हैं। स्कूल के शिक्षकों और परिजनों को वे इसके लिए धन्यवाद देती हैं।