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इटारसी

आखिर क्यों हैं शहर के लोग परेशान, किस काम के लिए नपा है बेपरवाह

-जनता के दस्तावेज अपडेट नहीं होने से होते हैं परेशान-नगरपालिका चुनाव के पहले हुआ था शहर के वार्डों का परिसीमन

इटारसीJun 14, 2018 / 11:16 am

Rahul Saran

itarsi, nagarpalika, pariseeman, ward name change, old records

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इटारसी। शहर के चौंतीस वार्डों का परिसीमन हुए 4 साल का लंबा वक्त बीत गया है। परिसीमन में शहर के वार्डों के नाम और नंबर में बदलाव हो गया है। वार्डों को मिली नई पहचान के बाद नपा में अब तक पुरानी पहचान के सहारे ही काम चल रहा है। नपा के जिम्मेदारों ने चुनाव के बाद इस महत्वपूर्ण मुद्दे की तरफ कभी रुख ही नहीं किया। नपा प्रशासन ने अब तक नए परिसीमन के हिसाब से जनता को नए दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कोई पहल ही नहीं की है जिसके कारण लोग भी पुराने दस्तावेजों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं और समस्याओं से जूझ रहे हैं।
मई 201४ में परिसीमन पूरा
निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकायों के चुनाव वर्ष 2014 में नए परिसीमन के आधार पर कराने का निर्णय लिया था जिसके बाद आयोग के निर्देश पर इटारसी नगरपालिका में वार्डों के परिसीमन का कार्य जनवरी-फरवरी 2014 में शुरू हुआ था। परिसीमन का यह काम मई 2014 में फाइनल हो गया था। इसी परिसीमन के आधार पर दिसंबर 2014 में नगरपालिका के चुनाव कराए गए थे।
हर वार्ड में औसतन 2000 मतदाता
निर्वाचन आयोग की परिसीमन करने की मूल मंशा इटारसी नगरपालिका के सभी वार्डों में समरूपता लाने की थी। इसी मंशा के चलते बड़े वार्डों में से कुछ हिस्सा काटकर छोटे वार्डों में मिलाकर उसे भी जनसंख्या के मान से बड़ा आकार दिया गया था। आयोग ने शहर के सभी वार्डों में मतदाताओं की संख्या औसतन 1500 से 2000 के बीच रखते हुए वार्डों को नए नाम और नए नंबर जारी किए थे।
नपा के जिम्मेदार बेपरवाह
नपा का चुनाव नए परिसीमन के आधार पर होने के बाद नपा प्रशासन को अपने यहां से जारी किए पुराने राशन कार्डों को जमा कराकर परिसीमन के आधार पर नए राशन कार्ड जारी करना थे मगर इन चार सालों में जिम्मेदारों ने इस तरफ ध्यान देना ही जरुरी नहीं समझा है। ना तो पूर्व में जारी हुए राशन कार्डों में सुधार हो रहा है और ना ही नए जारी किए जाने वाले राशन कार्डों में इसका ध्यान रखा जा रहा है। नए राशन कार्ड भी नए परिसीमन के आधार पर जारी नहीं हो रहे हैं।
यह आ रही समस्या
परिसीमन के बाद वार्डों का नया नाम और नया नंबर लोगों द्वारा लिखना और उसके साथ अपने पुराने दस्तावेजों को लगाना उनके लिए परेशानी का कारण बन रहा है। पुराने दस्तावेजों का उपयोग होने से सबसे ज्यादा पासपोर्ट बनवाने और पुलिस वेरीफिकेशन में दिक्कत आती है। आवेदनकर्ता फॉर्म में नया वार्ड नंबर लिख देते हैं और नए वार्ड नंबर के हिसाब से पार्षद से सत्यापन कराते हैं तो पासपोर्ट ऑफिस में उसे मान्यता नहीं मिलती है क्योंकि दस्तावेज पुराने लगे होते हैं। इसी तरह खाद्यान्न पर्चियों में भी दिक्कत आती है। पुराने वार्ड के हिसाब से खाद्यान्न पर्ची निकलती है तो उपभोक्ता को दूसरे वार्ड की दुकान ढूंढने परेशान होना पड़ता है। विभिन्न शासकीय योजनाओं में दस्तावेजों का अपडेशन नहीं होना हितग्राहियों के लिए कई बार परेशानी का कारण बन जाता है।
एक नजर में इटारसी नपा
नपा का नाम- इटारसी
शहर का क्षेत्रफल-९१४.९३ हेक्टेयर
कुल वार्ड- ३४
वार्डों की कुल जनसंख्या- करीब 1 लाख
शहर में कुल वोटर-करीब ७० हजार
किसने क्या कहा
हमने दो साल पहले नपा को ज्ञापन सौंपकर वार्ड के नाम बदलने की जगह नंबर बदलने की मांग की थी और उसके हिसाब से रिकार्ड अपडेट करने की मांग भी उठाई थी। अभी लोगों को काफी परेशान होना पड़ता है।
राजकुमार दुबे, सचिव मोहल्ला विकास समिति गांधीनगर
कई बार नपा प्रशासन को नए परिसीमन के हिसाब से दस्तावेज अपडेट करने के लिए कह चुके हैं मगर अधिकारी उस पर ध्यान ही नहीं देते हैं। इस विसंगति के कारण आम लोगों को बहुत परेशान होना पड़ रहा है।
यज्ञदत्त गौर, पार्षद वार्ड ३२
यह मामला हमारे संज्ञान में है। हम अभी बीएलओ ड्यूटी के बाद इस विषय पर काम करने का विचार कर रहे हैं। जल्द ही इस समस्या के निराकरण के लिए कोई निर्णय लिया जाएगा।
अक्षत बुंदेला, सीएमओ नपा
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