बारिश के सीजन को देखते हुए जिले में मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के प्रयास भी कोरोना सर्वे के साथ करने की योजना है। सर्वे में बुखार के मरीजों की मौके पर ही मलेरिया की जांच होगी। सर्दी-खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ वाले मरीजों की प्रारंभिक जांच की जाएगी। जरूरत पडऩे पर उसे नजदीकी फीवर क्लीनिक या अस्पताल में जांच के लिए भेजा जाएगा।
कोरोना जांच की क्षमता दोगुनी होगी
शहर में एनआईआरटीएच-आईसीएमआर और नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में अभी तक कोरोना जांच की जा रही है। नई किट से विक्टोरिया हॉस्पिटल में भी कोरोना की जांच शुरू हो गई है। तीनों लैब को मिलाकर शहर में कोरोना जांच की क्षमता सात से आठ सौ हो गई है। डोर-टू-डोर सर्वे शुरू होने तक तीनों लैब को मिलाकर कोरोना के नमूने की जांच क्षमता को दोगुना करने का प्रस्ताव है।
एक से 15 जुलाई तक घर-घर कोरोना सर्वे किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। सर्वे के दौरान मलेरिया, डेंगू के संक्रमण की स्थिति का भी पता लगाया
जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों को टेस्ट किट देने की योजना है।
– डॉ. रत्नेश कुररिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी