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जबलपुर

यहां बनाए घटिया तरीके से 154 टॉयलेट, उपयोग के भी लायक नहीं!

स्वच्छ भारत मिशन के तहत मनसकरा वार्ड-एक में दो साल पहले हुआ था निर्माण

जबलपुरNov 17, 2019 / 01:14 am

sudarshan ahirwa

154 toilets made in cheap way, not suitable for use

154 toilets made in cheap way, not suitable for use

जबलपुर. सिहोरा. स्वच्छ भारत मिशन अभियान के अंतर्गत घरों में सुविधाघर का निर्माण कितने घटिया और बेहतरतीब तरीके से किया गया है, इसका उदाहरण नगर पालिका सिहोरा के वार्ड-एक मनसकरा में देखा जा सकता है। यहां दो साल पहले 154 सुविधाघरों का निर्माण गरीब परिवारों के लिए किया गया था। घटिया तरीके से बनाए गए सुविधाघर अब भी उसी हालत में हैं। बस्ती के लोग इनका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत नगर पालिका सिहोरा में सुविधाघरों का निर्माण किया जाना था। वर्ष 2017 में वार्ड एक मनसकरा की आदिवासी बस्ती में रहने वाले लोगों के घरों में सुविधाघर बनाने का काम शुरू हुआ। योजना के तहत हितग्राही को 12 हजार रुपए मिलना था, वहीं हितग्राही के अंशदान के रूप में 1360 रुपए की रसीद सर्वे के दौरान नगर पालिका ने हितग्राहियों से ली। सुविधाघर के निर्माण के दौरान सम्बंधित ठेका कंपनी ने मनमाने तरीके से सुविधाघरों का निर्माण शुरू किया। स्थिति ये रही कि सोखता गड्ढा के नाम पर सिर्फ दो बाई दो का गड्ढा कर उसमें पाइप डाल दिया गया, वहीं रेत के नाम भसुआ मिट्टी से सुविधाघरों की छपाई कर दी गई।

निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति
वार्ड की रामकली गोंड, श्याम सिंह, मुन्ना कोल, करन सिंह गोंड, शंकर सिंह गोंड, नरेश कोल, अशोक कोल, ललिता बाई, रवि कुमार ने बताया कि सर्वे के दौरान नगर पालिका ने 1360 रुपए की रसीद काटी थी। उनसे कहा गया था कि पक्के और अच्छे सुविधाघर बनाकर दिए जाएंगे। लोगों का आरोप है कि सुविधाघरों का निर्माण इतने घटिया तरीके से हुआ है कि पिछले दो सालों में बस्ती के किसी भी घर के लोगों ने इसका उपयोग नहीं किया। दो साल बीत गए, लेकिन कोई मौके पर निरीक्षण करने तक नहीं आया। सोखता गड्ढा आधा-अधूरा छोड़ देने से किसी ने भी सुविधाघर का उपयोग नहीं किया।

साढ़े तीन हजार सुविधाघर हुए थे स्वीकृत
योजना के तहत नगर पालिका में 33 सौ सुविधाघर स्वीकृत हुए थे। नगर पालिका में अधिकतर सुविधाघरों की स्थिति वैसी ही है। ओडीएफ के नाम पर सुविधाघर तो बन गए, लेकिन घटिया और आधे-अधूरे काम के चलते उनका उपयोग आज तक नहीं हो पा रहा है। ये सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं। सुविधाघरों के निर्माण की निगरानी स्थानीय प्रशासन को करनी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

मनसकरा क्षेत्र में जहां भी सुविधाघर सही तरीके से नहीं बनाए गए, उन्हें निरीक्षण के बाद फिर बनवाया जाएगा, ताकि लोग इसका उपयोग कर सकें। आखिर गड़बड़ी कहां हुई इसकी जांच कराई जाएगी।
जयश्री चौहान, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, सिहोरा

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