जबलपुर

गणेश चतुर्थी 2017- गणेश जी की स्थापना मुहूर्त समय और व्रत कथा

ज्योतिष के अनुसार मध्याह्न के समय को गणेश पूजा के लिये सबसे श्रेष्ठ समय माना जाता है,  गणेशजी महाराज का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ

जबलपुरAug 17, 2017 / 07:36 am

Lalit kostha

siddhi vinayak ganesh ganpati

 

जबलपुर। भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्म दिन के उत्सव में गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश को बुद्धि और समृद्धि के देवता माना जाता है | पुराणों में यह मान्यता है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में श्री गणेश भगवान का जन्म हुआ था। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार गणेश चतुर्थी का दिन शुक्रवार 25 अगस्त 2017 को आयेगा । भाद्रपद माह में गणेशोत्सव अर्थात गणेश चतुर्थी का उत्सव 10 दिन तक चलता है | इसके बाद चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है | इस दिन को गणेश विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है। अंत में चतुर्दशी के दिन श्रद्धालु ढोल नगाड़ो व बड़े ही धूम-धाम के साथ जुलूस निकालते हुए भगवान गणेश की प्रतिमा का तालाबों, झीलों ,नदी आदि में विसर्जन करते हैं।

READ MUST- ganesh chaturthi in 2017 गणेश जी की स्थापना एवं वैदिक पूजा विधि, सब दुःख हर लेंगे विघ्नहर्ता 

गणपति स्थापना और गणपति पूजा मुहूर्त-

मध्याह्न गणेश पूजा का समय = 11:06 से 13: 39
24 वें, चंद्रमा को न देखने का समय = 20:27 बजे 20:43
25 वें, चन्द्रमा को न देखने का समय = 09: 10 से 21:20
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ = 24 / अगस्त / 2017 बजे 20:27 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्ति = 25 / अगस्त / 2017 बजे 20:31 बजे

ज्योतिष के अनुसार मध्याह्न के समय को गणेश पूजा के लिये सबसे श्रेष्ठ समय माना जाता है। ऐसी मान्यता है की गणेशजी महाराज का जन्म मध्याह्न (दोपहर ) काल के दौरान हुआ था समय गणेशजी महाराज की पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है | भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी के दिन गणेश स्थापना और गणेश पूजा मध्याह्न (दोपहर )में की जाती है ।

vastu shastra घर की खिड़की पर लगी है ये खास चीज तो नहीं होंगे लड़ाई-झगड़े, पड़ोसन से भी होंगे मधुर संबंध 

चन्द्रमा दर्शन पर दोष-
गणेश चतुर्थी के दिन अगर आप ने चन्द्रमा के दर्शन किए तो आप को बहुत बड़ा दोष लग सकता है क्यों की महाराज श्री गणेश भगवान ने चन्द्रमा को श्राप दिया था इस श्राप के कारण ही गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्रमा के दर्शनों करना निषेध बताया है| अगर कोई इस दिन भूलवश कोई कारण वस चाँद के दर्शन कर लेता है तो उसके दोष के निवारण का उपाय भी बताया गया है।


भगवान गणेश ने चन्द्रमा को श्राप दिया
जातक कथाओ में बताया जाता है की एक दिन गणेशजी चूहे की सवारी करते समय गिर पड़े | तो उस पर चन्द्रमा को हंसी आ गई । इस बात को लेकर गणेशजी महाराज बहुत काफी क्रोधित हो गये | और गणेशजी महाराज ने चन्द्रमा को श्राप दे दिया कि चंद्रमा अब तुम किसी के देखने के योग्य नहीं रहोगे और किसी ने तुम्हें देख भी लिया तो वह पाप( दोष )का भागी होगा। श्राप देकर गणेशजी वहाँ से चले गये। इस बात पर चन्द्रमा दुःखी व चिन्तित होकर मन ही मन दुःख महसूस करने लगे । वहीं चन्द्रमा के दर्शन न कर पाने के श्राप से देवता भी दुःखी होने लगे ।

READ ALSO- photos एमपी का अनोखा गार्डन, यहां से हर शाम दिखते हैं सतरंगी नजारे 

इसके बाद भगवान इन्द्र की अध्यक्षता में सभी देवी – देवताओं ने भगवान गणेश की आरधना प्रारम्भ की। देवताओं की आराधना से प्रसन्न होकर गणेशजी महाराज ने वर मांगने को कहा। सभी देवी – देवताओं ने कहा- महाराज चन्द्रमा को श्राप से मुक्त कर दो | यही हमारा आप से निवेदन है। गणेशजी ने देवताओ से कहा कि मैं अपना श्राप वापस तो नहीं ले सकता हूं। किन्तु उसमें कुछ बदलाव कर सकता हूं। यह श्राप केवल एक दिन ही प्रभावी रहेगा | जो व्यक्ति भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को चन्द्रमा के दर्शन करेगा वह अभिशप्त होगा और उस पर झूठे चोरी के आरोप लगने का भय रहेगा।

चन्द्रमा श्राप का दोष निवारण मन्त्र

यदि आपके भूलवस से गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्रमा के दर्शन हो जायें तो दोष या पाप से बचाव के लिये निम्नलिखित मन्त्र का उचारण करना चाहिये –
सिंहः प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मारोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः।

Home / Jabalpur / गणेश चतुर्थी 2017- गणेश जी की स्थापना मुहूर्त समय और व्रत कथा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.