बादल, बारिश और तापमान में बार-बार बदलाव से स्वाइन फ्लू का संक्रमण फिर सामने आया है। मेडिकल में स्वाइन फ्लू के दो मामले सामने आए हैं। इनमें 26 वर्षीय युवती स्वाइन फ्लू पॉजीटिव मिली है। वहीं एक अन्य मरीज स्वाइन फ्लू संदिग्ध पाया गया है। सूत्रों के अनुसार दोनों मरीजों को मेडिकल के विशेष आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। स्वाइन फ्लू पॉजीटिव मरीज नरसिंहपुर की है। उसकी हालत गम्भीर बनी हुई है। वार्ड में भर्ती एक अन्य मरीज की रिपोर्ट सोमवार को आ सकती है। फिलहाल मरीज को एहतियातन संक्रमण से बचाव की दवा दी जा रही है। स्वाइन फ्लू से कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर बचाव किया जा सकता है।
ऐसे करें बचाव
खांसी, जुकाम, बुखार के रोगी से दूर रहें। आंख, नाक, मुंह को छूने के बाद किसी अन्य वस्तु को न छुएं व हाथों को एंटीसेप्टिक या साबुन से धोकर साफ करें। खांसते, छींकते समय मुंह व नाक पर कपड़ा रखें। दही खाने से परहेज करें। मठा या छाछ पी सकते हैं। उबला पानी पीएं व पोषक तत्वों से भरपूर भोजन व फलों का उपयोग करें। सर्दी-जुकाम, बुखार होने पर भीड़ में जाने से बचना चाहिए।
ये हैं कुछ घरेलू उपचार
– पानी में हल्दी, कालीमिर्च, तुलसी, अदरक, शक्कर डालकर उबालकर काढ़ा तैयार कर लें। पकने के बाद एक कप रह जाने पर उसमें नींबू निचोड़ें। इस पेय को दिन में 2 से 3 बार सेवन करें।
– नाक में दोनों तरफ षडबिंदु तेल की दो-दो बूंदें दिन में 2 से 3 बार डालें।
गुरबेल या गिलोय का काढ़ा बनाकर पीएं, इससे भी राहत मिलती है।
– कपूर, इलायची, लौंग को पीसकर मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रण को रूमाल में बांधकर पास रखें और समय-समय पर सूंघते रहें इससे स्वाइन फ्लू का खतरा कम होता है।
– वर्षा काल में घर पर हवन करने से भी स्वाइन फ्लू के वाइरस से बचाव होता है ।
– स्वाइन फ्लू जैसे बुखार गले में खरास, सर्दी-जुकाम, खांसी व आदि लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें।