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जबलपुर

बीस साल बाद … फिर से बने जनम-जनम के साथी

नेशनल लोक अदालत में मप्र में निपटे 30 हजार प्रकरण

जबलपुरFeb 09, 2020 / 08:11 pm

shyam bihari

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जबलपुर। बीस साल से एक दूसरे के खिलाफ अदालती कार्रवाई में उलझे 60 साल के पति व 58 साल की पत्नी जीवन के अंतिम पड़ाव पर फिर से एक साथ रहने को राजी हुए, तो उनके चेहरे पुनर्मिलन की खुशी से दमकने लगे। बुजुर्ग दम्पती ने एक-दूसरे को भरी अदालत में फिर से माला पहनाकर बाकी बची जिंदगी हंसी-खुशी बिताने की कसम खाई। दोनों कोर्ट से ऐसे निकले, जैसे उनका साथ कभी छूटा ही न हो। शनिवार को जिला अदालत में दोनो के बीच कराए गए समझौते के साक्षी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल भी बने। इस अवसर पर जस्टिस संजय यादव, जस्टिस सुजय पॉल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव शरद भामकर, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक, सचिव राजेश तिवारी भी उपस्थित थे। पूरे राज्य में नेशनल लोक अदालत के दौरान इसी तरह बरसों से लम्बित 29507 अदालती व प्री-लिटिगेशन के मामलों का समझौते के जरिए निराकरण किया गया।
लोक अदालत का आयोजन चीफ जस्टिस मित्तल के मार्गदर्शन व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस संजय यादव के मार्गदर्शन में किया गया। इस दौरान 92 करोड़ 46 लाख 52 हजार 629 रुपए के अवॉर्ड पारित किए गए। नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, विभिन्न प्रकृति के रिट प्रकरण, राजीनामा योग्य दांडिक प्रकरण, पारिवारिक विवाद संपत्ति संबंधी प्रकरण, चेक बाउंस के प्रकरण व वे सभी प्रकरण जिनमें कानूनन राजीनामा हो सकता है, रखे गए थे।
हाईकोर्ट की मुख्यपीठ में 6 खंडपीठों का गठन किया गया था। इनमें जस्टिस नंदिता दुबे के साथ अधिवक्ता पीएल श्रीवास्तव, जस्टिस वीके शुक्ला के साथ अधिवक्ता देवेंद्र गंगराडे, जस्टिस एके श्रीवास्तव के साथ अधिवक्ता जयदीप सिरपुरकर, जस्टिस बी.के. श्रीवास्तव के साथ अधिवक्ता सिद्धार्थ चैहान व जस्टिस मो. फहीम अनवर के साथ अधिवक्ता कपिल दुग्गल की खंडपीठें शामिल थीं। जिला अदालत में समझौते के जरिए प्रकरणों का निराकरण करने के लिए 75 बेंचों का गठन किया गया था।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की सदस्य सचिव गिरिबाला सिंह, उप सचिव डीके सिंह, विधिक सहायता अधिकारी पूनम तिवारी ने जानकारी दी कि प्रदेश भर में प्री-लिटिगेशन के 182533 मामले निराकरण के लिए लोक अदालत में रखे गए। इनमें से 21984 का निराकरण किया गया। इसी तरह हाईकोर्ट व जिला अदालतों में लंबित 97972 प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से 7523 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
बच्चों की दुहाई लाई रंग
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ मिश्रा की अदालत में कुल 15 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इनमें से दो मामले तलाक के थे। दोनों मामलों में कोर्ट ने संबंधित पति-पत्नी को बच्चों के भविष्य की दुहाई देकर समझाया। इस पर दोनों जोड़े फिर से साथ रहने को तैयार हो गए। जेएमएफसी नौशीन खान की कोर्ट में जबलपुर निवासी प्रेमलाल का साक्षी डेवलपर्स के खिलाफ चेक बाउंस का मामला अरसे से लंबित था। लोक अदालत में 48 लाख रुपए की रकम वापस देकर डेवलपर्स ने समझौता किया। नेशनल लोक अदालत के दौरान जिन पक्षकारों के मामलों में समझौते हुए, उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व वन विभाग की ओर से एक-एक पौधे दिए गए। पक्षकारों से इन पौधों को रोपकर उनका संरक्षण करने का वचन लिया गया। आम, इमली, नीबू, जामुन सहित अन्य फलदार पौधे पक्षकारों को दिए गए।
यह है स्थिति

जिला अदालत में निपटे प्रकरण
प्री-लिटिगेशन-5005
अदालतों में लम्बित-991
अवॉर्ड -15,59, 26,632 रुपए
मप्र में रखे गए प्रीलिटिगेशन के मामले–182533
निराकृत-21984
रखे गए अदालतों में लम्बित मामले-97972
निराकृत-7523
कुल-27507
कुल पारित अवॉर्ड-92,46,52,629

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