नक्षत्र- क्षिप्र लघुसंज्ञक तिर्यड़मुख नक्षत्र अश्विनी रात्रि 5.24 तक उपरंात उग्रक्रूरसंज्ञक नक्षत्र भदणी रहेगा। अश्विनी नक्षत्र सभी प्रकार के मंागलिक कार्य हेतु शुभ तथा मंगलकारी माना जाता है। इस नक्षत्र में यात्रा, प्रतिष्ठा, कारीगरी, वास्तु पूजन, पुष्टता, आभूषण निर्माण, अलंकार तथा विद्या संगीत से जुड़े कार्य अत्यंत शुभ माने जाते हैं। सम्मान, उपहार, हेतु भी नक्षत्र उपयुक्त रहेगा।
शुभ मुहूर्त – आज गर्भाधान, अन्नप्रासन, नामकरण, वाद्यकलारंभ, विपणि व्यापार, क्रय विक्रय, पौधरोपण, आवेदन पत्र लेखन, वास्तु पूजन जैसे कार्य शुभ माने जाते हैं।
श्रेष्ठ चौघडि़ए – आज प्रात: 9.00 से 10.30 चर दोपहर 10.30 से 1.30 लाभ, अमृत तथा रात्रि 7.30 से 9.00 लाभ की चौघडिय़ा शुभ मंगलकारी तथा सुखद रहेगी।
व्रतोत्सव- आज : अंगारकी संकष्ठी चतुर्थी, श्री विश्वकर्मा पूजन तथा पितर पक्ष की तृतीया श्राद्ध का पर्व रहेगा।
चन्द्रमा : दिवस रात्रि पर्यंत तक मंगल प्रधान राशि मेष राशि में संचरण करेगा।
ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन: सूर्य के सिंह राशि में गुरु वृश्चिक राशि में तथा शनि धनु राशि के साथ सभी ग्रह यथा राशि पर स्थित हैं। सूर्य का पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में संचरण रहेगा।
दिशाशूल: आज का दिशाशूल उत्तर दिशा में रहता है, इस दिशा की व्यापारिक यात्रा को यथा संभव टालना हितकर है। चन्द्रमा का वास पूर्व दिशा में है, सन्मुख एवं दाहिना चन्द्रमा शुभ माना जाता है।
राहुकाल: दोपहर 3.00.00 बजे से 4.30.00 बजे तक। (शुभ कार्य के लिए वर्जित)
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्मे बालकों का नामाक्षर चू,चे,चो,ला से आरंभ कर सकते हैं। अश्विनी नक्षत्र में जन्मे बालकों की राशि मेष होगी, राशि स्वामी मंगल तथा सुवर्णपाद पाया में जन्म माना जाएगा। मेष राशि के जातक प्राय: बुद्धिमान, उत्साही, जलयात्रा प्रेमी, न्यायप्रिय, चंचल, मितव्ययी, मिलनसार, आकर्षक समानतावादी, निपुण, साहसी, लोकप्रिय तथा परोपकारी शिक्षा क्षेत्र में सफल होते हैं।