नक्षत्र- तीक्ष्ण संज्ञक ऊध्र्वमुख नक्षत्र अश£ेषा दोपहर 12.51 तक उपरंात उग्रक्रूरसंज्ञक नक्षत्र मघा रहेगा। अश£ेषा नक्षत्र मूलत: गंडात मूलक नक्षत्र है। इस नक्षत्र में जन्मे जातकों की मूल शांति करवाना चाहिये। जन्म के सत्ताइसवें दिन उसी नक्षत्र के पुनरावृत्ति के दिन मूल शांति करवाना जातक के शुभ तथा सुखमय जीवन हेतु कल्याणकारी रहेगा।
शुभ मुहूर्त – ंआज गर्भाधान, अन्नप्रासन, नामकरण, वाद्यकलारंभ, विपणि व्यापार, क्रय विक्रय, पौधरोपण, आवेदन पत्र लेखन, वास्तु पूजन जैसे कार्य शुभ माने जाते हैं।
श्रेष्ठ चौघडि़ए – आज प्रात: 6.00 से 9.00 लाभ अमृत दोपहर 4.30 से 6.00 लाभ तथा रात्रि 7.30 से 10.30 शुभ तथा अमृत की चौघडिय़ा शुभ तथा मंगलकारी रहेगी।
व्रतोत्सव- आज : कार्तिक मास में प्रात: स्नान तथा भगवान श्री कृष्ण की आराधना करना परम कल्याणकारी रहेगा।
चन्द्रमा : दोपहर 12.21 तक कर्क राशि में उपरंात सूर्य प्रधान राशि सिंह राशि में संचरण करेगा।
ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन: सूर्य के तुला राशि में गुरु वृश्चिक राशि में तथा शनि धनु राशि के साथ सभी ग्रह यथा राशि पर स्थित हंै, सूर्य का चित्रा नक्षत्र में संचरण रहेगा।
दिशाशूल: आज का दिशाशूल उत्तर दिशा में रहता है, इस दिशा की व्यापारिक यात्रा को यथा संभव टालना हितकर है। चंद्रमा का वास उत्तर दिशा में है, सन्मुख एवं दाहिना चन्द्रमा शुभ माना जाता है।
राहुकाल: दोपहर 12.00 00 बजे से 1.30.00 बजे तक। (शुभ कार्य के लिए वर्जित)
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्मे बालकों का नामाक्षर डा, डे,डी,डू, अक्षर से आरंभ कर सकते हैं। अश£ेषा नक्षत्र में जन्मे बालकों की राशि कर्क होगी, राशि स्वामी चंद्र तथा रजतपाद पाया में जन्म माना जाएगा। कर्क राशि के जातक प्राय: बुद्धिमान, उत्साही, जलयात्रा प्रेमी, न्यायप्रिय, चंचल, मितव्ययी, मिलनसार, आकर्षक समानतावादी, निपुण, साहसी, लोकप्रिय तथा परोपकारी शिक्षा क्षेत्र में सफल होते हैं।