बता दें कि दीपावली पर पटाखा छोड़ने को लेकर हर साल असमंजस की स्थिति रहती है। पिछले साल पटाखा मार्केट का चयन हुआ, दुकानों के लिए लाइसेंस जारी हुए। लेकिन अंतिम समय में सब कुछ गड़मड़ हो गया था। वैसे भी सर्वोच्च न्यायालय और एनजीटी लगातार पर्यावरण प्रदूषण के मद्देनजर पटाखा छोड़ने को लेकर सख्त रुख अपनाती है। इस बार भी नागरिक उपभोक्त मंच ने आतिशबाजी पर रोक लगाने की मांग की है। लेकिन अभी तक शासन या कोर्ट से कोई गाइडलाइन न मिलने के चलते प्रशासन ने पटाखा की दुकानों के लिए मार्केट लगाने की तैयारी शुरू कर दी है।
इस सिलसिले में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने आयुक्त नगर निगम और छावनी परिषद के सीईओ को फुटकर पटाखा मार्केट के लिए स्थल चयन कर सूची तत्काल कलेक्टर कार्यालय को भेजने का निर्देश दिया हैं। कलेक्टर के स्तर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि दीपावली पर फुटकर पटाखा व्यवसाय के लिए स्थलों के चिहिन्त करने में विस्फोटक अधिनियमों के प्रवधानों का ध्यान रखा जाय। साथ ही यह भी गौर किया जाए कि पटाखा बाजार के आस-पास सुरक्षित तथा खुले मैदान हो, ताकि किसी तरह की अनहोनी से बचा जा सके।
जानकारी के अनुसार फुटकर पटाखा व्यवसायियों को एमपी आनलाइन पोर्टल के माध्यम से आनलाइन आवेदनों करना होगा। इन आवेदनों पर गौर कर एसडीएम अस्थाई स्वीकृति प्रदान करेंग। कलेक्टर ने बताया है कि फुटकर पटाखा व्यापारियों से कलेक्टर कार्यालय को मिलने वाले ऑनलाइन आवेदनों की जांच एसडीएम करेंगे। दशहरा से देवउठनी एकादशी तक के लिए ही पटाखा बाजार लगाने की स्वीकृति मिलेगी।
पटाखा मार्केट के लिए निगम और छावनी प्रशासन अपने क्षेत्र में लगने वाली पटाखा दुकानों को स्वीकृति देने से पहले यह ध्यान रखना होगा कि ये दुकानें बिजली की हाईटेंशन लाइन, गैस गोदाम, पेट्रोल पंप, आयुष निर्माणी फैक्ट्री तथा घनी आबादी वाले स्थान या उसके समीप न हो। साथ ही पार्किंग से लेकर फायर ब्रिगेड और अग्निशमन वाहन के आने जाने की सुगम व्यवस्था भी होनी चाहिए।