बालमीक पाण्डेय @ जबलपुर। कहते हैं मां की दुआओं के हजारों हाथ होते हैं। यदि आपके सिर पर मां का हाथ है तो फिर दुनिया की कोई भी आसुरी शक्ति आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। यदि आप ग्रहों की चाल से परेशान हैं और कष्ट आपका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं तो आप एक आसान उपाय से अपनी बाधाओं को पलभर में दूर कर सकते हैं। मां नर्मदा का आशीर्वाद आपको हर बुरी बलाओं से बचा सकता है।
नमामि देवि नर्मदे नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान आप मां के एक से बढ़कर एक रहस्यों से वाकिफ हो रहे हैं, उनमें से एक है मां नर्मदा स्नान से मिलने वाले अद्भुत फायदे।
ऐसे होता है दोषों का समापन
पं. अंबिका प्रसाद शुक्ल ने बताया कि नर्मदा पुराण में मां के अनेकों अद्भुत रहस्यों का पता चलता है। नर्मदा का जल शंकर के श्चेद से उत्पन्न हुआ है। यह इतना पवित्र है कि किसी भी दोष का शमन करने का सामथ्र्य रखता है। मनुष्य की कुंडली में स्थित उग्र ग्रह को शांत करने की इसमें शक्ति है। मंगल, शनि राहु, केतु के दोष तो इस जल के स्नान मात्र से दूर हो जाते हैं। विशेषकर शनिश्चरी अमावस्या के दिन इसके स्नान से कई बाहरी हानिकारक शक्तियों से बचने की शक्ति मिलती है।
काल सर्प दोष से तत्काल मुक्ति
पं. गणेशदत्त द्विवेदी ने बताया कि यदि किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में काल सर्प या नाग दोष हो तो अमावस्या के दिन इसके जल में चांदी से निर्मित नाग का संस्कार कर विसर्जन करने से इस दोष से शांति मिलेगी। भगवान शंकर से उत्पन्न होने के कारण नर्मदा आद्यशक्ति की शक्तियों से पूर्ण है। इतना ही नहीं स्नान करने एवं दर्शन करने से सूर्य के समान धैर्य एवं गुरू के समान धार्मिकता मिलती है।
पवित्रता है खास पहचान
राजकुमार शास्त्री बताते हैं कि नर्मदा विश्व की एक मात्र ऐसी नदी है, जिसकी परिक्रमा की जाती है, क्योंकि इसके हर घाट पर पवित्रता का वास है तथा इसके घाटों पर महर्षि मार्कण्डेय, अगत्स्य, महर्षि कपिल एवं कई ऋषि-मुनियों ने तपस्या की। शंकराचार्यों ने भी इसकी महिमा का गुणगान किया है।