सुखमय जीवन के लिए अक्षय तृतीया पर नहीं होंगे सात फेरे
अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को, 400 से अधिक शादियां स्थगित
अक्षय तृतीया तिथि में अनेक तरह की पाबंदी के कारण विवाहित जोड़ों ने आगे की तिथियों में शादियां करने का निर्णय किया है। संक्रमण रोकने के लिए यह महत्वपूर्ण है। क्योंकि अगर कोई सात फेरे लेता है तो उसके परिवार के लोग ही मांगलिक कार्यक्रम के साक्षी हो सकते हैं।
छह माह करनी होगी प्रतीक्षा
आचार्य डॉक्टर सत्येंद्र स्वरूप शास्त्री के अनुसार अक्षय तृतीया मुहूर्त में जिनकी शादियां टली है उन्हें छह माह प्रतीक्षा करनी होगी। मई में 19 और जून में नो वैवाहिक मुहूर्त है लेकिन इस दौरान भी समस्याएं बनी रहने की आशंका है। 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी के बाद चातुर्मास प्रारंभ होगा और 25 नवंबर देवउठनी एकादशी के बाद मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो सकेंगे। 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक पुरुषोत्तम माह रहेगा। नवंबर में तीन और दिसंबर में 9 मुहूर्त है।
घरों में हो रही पूजा अर्चना की तैयारी
अक्षय तृतीया तिथि को भगवान परशुराम का प्राकट्य उत्सव मनाया जाएगा। शोभा यात्रा निकालने की बजाए लोग घरों में रहकर स्तुति आराधना करेंगे। अखंड सौभाग्य एवं सुख समृद्धि के लिए मातृशक्ति तुलसी की परिक्रमा करेगी। जबकि वट वृक्ष के नीचे आयोजित होने वाले सामूहिक पूजा एवं परिक्रमा स्थगित कर दी गई है।