पंडित दीपक दीक्षित के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या के दिन सुबह स्नान करें, शनिदेव पर तैल अर्पित करें, शनि के सरल मंत्र ऊं शं शनैश्चराएै नम या प्रां प्रीं प्रौं श शनैश्चराएै नम का अधिक से अधिक जाप करें- जाप करते समय आंखें बंद रखकर शनिदेव का ध्यान करते रहें- उनसे अपने बुरे कर्मों के लिए क्षमा मांगते हुए उनसे आपपर प्रसन्न होने की प्रार्थना करें। अधिक संभव नहीं हो तो कम से कम एक माला जाप- १०८ बार मंत्र जाप जरूर करें। हो सके तो दशरथकृत शनि स्त्रोत पढ़ें। इस समय वृश्चिक, धनु और मकर राशि पर शनि का साढ़ेसाती का प्रभाव है और वृषभ और कन्या राशि शनि की ढय्या से पीडि़त है। इससे पीडि़त सभी लोग भी इस दिन शनि पूजन करें, शनि मंत्रों का जाप कर शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। जिनकी शनि महादशा, अंतरदशा या प्रत्यंतर दशा चल रही है उन्हेंं भी यह करना चाहिए, शनि की दशा में थोड़ा दुख जरूर होता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व है। गरीबों, जरूरतमंदों को उनकी जरूरत की चीजें दान करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनिदेव को प्रसन्न रखने के लिए एक बात ध्यान रखें, हमेशा गरीबों, जरूरतमंदों की मदद करें, मजदूरों का पैसा न हड़पें, उनकी सहायता करें। मजदूरों, कमजोरों, गरीबों की मदद करनेवालों का शनिदेव कभी भी बुरा नहीं करते हैं, यह बात हमेशा ध्यान रखें।