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जबलपुर

ऐसी दानशीलता नहीं देखी होगी, 63 साल से हाईकोर्ट बिल्डिंग का किराया एक रुपया

– स्थापना दिवस पर विशेष: सेठ गोकुलदास ने बनवाया था भवन, सुलभ न्याय का पावन उद्देश्य, 63 साल से भव्य भवन का किराया एक रुपया

जबलपुरNov 01, 2019 / 07:34 pm

गोविंदराम ठाकरे

Mp High Court Jabalpur

Mp High Court Jabalpur

जबलपुर. मप्र की स्थापना के साथ ही जबलपुर में स्थापित किया गया मप्र हाईकोर्ट जिस इमारत में है, वह भवन आज भी किराए पर है। 63 साल बाद भी हाईकोर्ट प्रशासन इस भवन का सांकेतिक किराया एक रुपए प्रतिमाह भवन के मालिक को चुकाता है। न्याय प्रशासन की स्थापना व जनमानस के लिए सुलभ न्याय के पावन उद्देश्य के लिए दी गई इमारत के इस सांकेतिक किराए को मूल भवन मालिक के वंशजों ने भी नहीं बदला।
पहले संचालित होता था कलेक्ट्रेट
जबलपुर के सेठ गोकुलदास ने यह भवन बनवाया था। बाद में इसका स्वामित्व उनके पुत्र दीवान बहादुर सेठ के नाम हो गया। 1956 में मप्र हाईकोर्ट की स्थापना जबलपुर में की गई। लेकिन इसके लिए भवन की दरकार थी। भवन पर बात अटकी तो तत्कालीन कलेक्ट्रेट की चर्चा हुई, जो उस समय इस इमारत में ही संचालित थी। भवन को एक रुपए किराए पर कलेक्ट्रेट सहित अन्य दफ्तरों को चलाने के लिए दिया गया था। हाईकोर्ट के लिए इतना बड़ा और सर्वसुविधायुक्त स्थान और कोई नहीं था। तत्कालीन राज्य सरकार के आग्रह पर सेठ जीवनदास इसके लिए आगे आए। उन्होंने अपने मालिकाना हक के इस भवन को एक रुपए के सांकेतिक किराए पर हाईकोर्ट के लिए देने का फैसला ले लिया।
मालिकाना हक को वंशजों ने भी नहीं बदला
सेठ जीवनदास के निधन के बाद कारोबार की जिम्मेदारी उनके पुत्र गोविंददास के कंधों पर आ गई। इस दौरान इसके किराए व मालिकाना हक के बदलाव की बात की गई, जिससे सेठ गोविंददास ने इनकार कर दिया। वे आजादी के बाद आजीवन सांसद रहे। उनके बाद उनके पुत्र-पौत्र ने भी पूर्वजों का सम्मान करते हुए अब तक इस किराएनामे या मालिकाना हक में कोई बदलाव की बात ही नहीं उठाई।
मेरे पूर्वज सेठ गोकुलदास ने भवन का निर्माण करवाया था। परदादा सेठ जीवनदास ने 1956 में हाईकोर्ट के लिए भवन किराए पर दिया। यह हमारे परिवार के लिए गौरव की बात है। अब भी इसका एक रुपए सांकेतिक किराया लिया जाता है।
सेठ विश्वमोहन दास, हाईकोर्ट के भवन के मूल मालिक के वंशज
ये न्यायविद रहे अब तक हाईकोर्ट के मुखिया
1. जस्टिस एम. हिदायतुल्ला 1956-58
2. जस्टिस जीपी भट्ट 1958-59
3. जस्टिस पीवी दीक्षित 1959-69
4. जस्टिस बिशम्भर दयाल 1969-72
5.जस्टिस पीके तारे 1972-75
6.जस्टिस एसडी श्रीवास्तव 1975-78
7. जस्टिस एपी सेन 1978-78
8.जस्टिस जीपी सिंह 1978-84
9. जस्टिस जीएल ओझा 1984-86
10. जस्टिस जेएस वर्मा 1986-86
11. जस्टिस एनपी ओझा 1986-88
12. जस्टिस जीजी सोहानी 1989-89
13. जस्टिस एसके झा 1989-93
14. जस्टिस यूएल भट 1993-96
15. जस्टिस एके माथुर 1996-99
16. जस्टिस भवानी सिंह 2000-03
17. जस्टिस के राजारत्नम 2003-04
18. जस्टिस आरवी रवीन्द्रन 2004-05
19. जस्टिस एके पटनायक 2005-09
20. जस्टिस एसआर आलम 2009-11
21. जस्टिस एसए बोबड़े 2012—13
22. जस्टिस एएम खानविलकर 2013-16
23. जस्टिस हेमंत गुप्ता 2017- 18
24. जस्टिस एसके सेठ 2018- 19

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