जबलपुर स्थित मेडिकल यूनिवर्सिटी का गोलमाल, कुलपति ने आधी रात को बुलाकर कुलसचिव से लिया था प्रभार, अब दस्तावेज सौंपने के लिए भेजा नोटिस
जबलपुर•Jul 26, 2021 / 07:26 pm•
shyam bihari
medical
जबलपुर। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के अजब-गजब कारनामे थमने का नाम नहीं ले रहे। नया मामला चिकित्सा शिक्षा विभाग की प्रतिनियुक्तिसेवा समाप्त करने पर कार्यमुक्तकिए गए उपकुलसचिव (तत्कालीन प्रभारी कुलसचिव) का है। 14 जुलाई को आदेश आने पर कुलपति डॉ. टीएन दुबे ने आधी रात को डॉ. जेके गुप्ता को विवि बुलाकर कुलसचिव का प्रभार वापस ले लिया था। उन्हें आयुष विभाग के लिए रिलीव किया था। तब पूरी औपचारिक प्रक्रिया होने के बाद अब कुलपति ने तत्कालीन कुलसचिव को एक नोटिस जारी किया है। उनसे तत्कालीन समय के सरकारी दस्तोवजों और नस्तियों के तत्काल हस्तांतरित करने का आदेश दिया है। नियमानुसार प्रभार सौंपने के वक्तही सम्बंधित अधिकारी से समस्त दस्तावेज और अन्य औपचारिता के बाद कार्यमुक्ति का आदेश जारी होता है। ऐसे में स्वयं प्रभार लेने वाले कुलपति के ही दस्तावेज मांगने का आदेश जारी करना संदिग्ध हो गया है। इससे पहले एबीवीपी भी विवि में लापरवाही और गड़बडिय़ों को लेकर कुलपति पर गम्भीर आरोप लगा चुकी है।
विवि में रिजल्ट बनाने वाली ठेका कंपनी के फेल-पास का खेल तत्कालीन प्रभारी कुलसचिव की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने किया था। इस रिपोर्ट पर कार्रवाई शुरूकरते ही प्रभारी कुलसचिव को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने हटा दिया था। रातों-रातों प्रभारी कुलसचिव की विदाई के चौबीस घंटे के अंदर मेडिकल कॉलेज के डॉ. प्रभात बुधौलिया को प्रतिनियुक्तिपर कुलसचिव बनाया था। बड़े घोटाले की जांच कर रहे अधिकारी के पास अहम दस्तावेज हो सकते है। ऐसे में कार्यमुक्तकरते वक्त समस्त नस्तियां और दस्तावेज नहीं लिए जाने के मामले में जिम्मेदारी की बड़ी चूक सामने नहीं आई है। कुलपति के कुलसचिव कक्ष में रखी आलमारी की सामग्री का हस्तांतरण नहीं होने सम्बंधी पत्र ने व्यवस्था को सवालों के घेरे में खड़ा किया है। विवि में धांधलियों की परत खुलने के बाद प्रतिनियुक्तिपर नए अधिकारियों की आमद होने पर नई प्रशासनिक जमावट हुई है। नए उपकुलसचिव अमित किनारे को स्थापना, सम्बद्धता, विधानसभा की जिम्मेदारी दी गई है। उपकुलसचिव डॉ. पूजा शर्मा, प्रो. बीबी सिंह और सहायक कुलसचिव पंकज बुधौलिया के दायित्व स्पष्ट किए गए हैं। निजी ठेंका कंपनी की गड़बडिय़ों की जांच में फंसी परीक्षा नियंत्रक डॉ. वृंदा सक्सेना के प्रतिनियुक्तिपर न्यायालय से स्थगन लेकर लौटने पर पुन: परीक्षा नियंत्रक बना दिया गया है। स्थगन लेकर लौटी डॉ. तृप्ति गुप्ता के लिए भी कार्यभार तय किया गया है।
Home / Jabalpur / यह मेडिकल यूनिवर्सिटी है या सर्कस का पंडाल, यहां जारी हैं अजब-गजब कारनामे