मंदिरों में आकर्षक सजावट की गई है। श्रीकृष्ण मंदिर गोरखपुर में सुबह से रात तक अनुष्ठान होंगे। लघु काशी पचमठा मंदिर गढ़ा में अनुष्ठान के साथ मेला लगेगा। श्री कृष्ण मंदिर छोटी ओमती, गोपाल लालजी मंदिर हनुमानताल, राधे कृष्ण मंदिर गढ़ा, नरसिंह मंदिर शास्त्री ब्रिज, श्रीराम मंदिर मदन महल एवं राधा कृष्ण मंदिर सहित अन्य मंदिरों में उत्सव मनाया जाएगा। हर जगह उत्सव और उमंग का माहौल है। साल में एक बार ही ऐसा नजारा देखने को मिलता है जब कन्हैया के जन्म पर आधी रात जयकारे गूंज उठते हैं। हर तरफ जश्न छा जाता है। कई लोग इस नजारे के दीदार का बेसब्री से इंतजार भी करते हैं।
पंचामृत से करें भगवान का अभिषेक
ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला के अनुसार जन्माष्टमी में साधू-संत नक्षत्र के अनुसार उपासना करते हैं और गृहस्थ अष्टमी तिथि को उत्सव मनाते हैं। रविवार को संतों ने स्तुति-आराधना की। सोमवार को वैष्णव जन पूजा करेंगे। सोमवार शाम 5.30 बजे तक रोहिणी नक्षत्र और दोपहर 3.24 बजे तक अष्टमी तिथि है। उदया तिथि से लगभग तीन घंटे तक होने के कारण नक्षत्र और तिथि पूरे दिन मान्य होगी। अद्र्धरात्रि 12 बजे मृगसिरा नक्षत्र है। आचार्य डॉ. चंद्रशेखर शास्त्री के अनुसार पंचामृत से भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक व श्रृंगार करना चाहिए, अद्र्धरात्रि तक जागरण करना चाहिए।
51 झांकियों में दिखेगी दिव्य लीला
सनातन धर्म महासभा के तत्वावधान में पुराना बस स्टैंड नगर निगम से दोपहर दो बजे शोभायात्रा निकाली जाएगी। स्वामी श्यामदेवाचार्य व संतों के सान्निध्य में 51 झांकियां शामिल होगी, जिसमें 31 सजीव रहेंगी। बैंड दल, संकीर्तन मंडली, करतब दिखाते अखाड़े के कलाकार, चाचर व डांडियां नृत्य आकर्षण होंगे। शोभायात्रा मालवीय चौक, सुपर मार्केट, लार्डगंज, बड़ा फुहारा, कमानिया गेट, कोतवाली, मिलौनीगंज, हनुमानताल होते हुए खेरमाई मंदिर भानतलैया में सम्पन्न होगी।
रांझी शोभायात्रा, सम्मान
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव रांझी के तत्वावधान में राधा कृष्ण मंदिर से सुबह 10 बजे शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस मौके पर बुजुर्ग एवं बाल सम्मान समारोह होगा। वेश भूषा एवं नृत्य प्रतियोगिता के पुरस्कार दिए जाएंगे। आयोजन समिति के संरक्षक शिव यादव, संयोजक बापू यादव, पंकज गोस्वामी, कृष्णकांत दीक्षित, सुरजीत यादव, राजेंद्र मिश्रा ने बताया केरल पर आधारित झांकियों में पर्यावरण संरक्षण एवं लोक कलाओं की झलक भी दिखेगी।