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जबलपुर

भारत की तीनों सेना के लिए इस साल तैयार होंगे 3500 करोड़ के साजो-सामान, जानें कहां बनेगा ये सब

भारत की तीनों सेना के लिए इस साल तैयार होंगे 3500 करोड़ के साजो-सामान, जानें कहां बनेगा ये सब

जबलपुरApr 17, 2019 / 03:54 pm

Pawan Tiwari

jabalpur ordinance factory
जबलपुर. रक्षा उत्पादन में बड़ी भूमिका निभाने वाली शहर की आयुध निर्माणियां नए वित्तीय वर्ष में कई नए उत्पादों को तैयार करेंगी। सेना के तीनों अंगों के लिए कुछ न कुछ नया बनेगा। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने इनमें से लगभग सभी निर्माणियों को नया उत्पादन का लक्ष्य भी दे दिया है। यह 35 सौ से 4 हजार करोड़ के बीच होगा। इसी हिसाब से उत्पादन की योजना भी बनाई जा रही है।
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया में इस साल 1663 करोड़ का उत्पादन किया था। मैंगों प्रोजेक्ट के तहत 125 एमएम एंटी टैंक बम का उत्पादन नहीं होने से 300 से 400 करोड़ का उत्पादन नहीं हो सका था। नहीं तो यह आंकड़ा करीब 2 हजार करोड़ पर पहुंचता। चालू वित्तीय वर्ष में खमरिया को करीब 2 हजार करोड़ का लक्ष्य मिला है। हालांकि प्रबंधन ने अभी बोर्ड से अधिकृत रूप से लक्ष्य नहीं आने की बात कही है।
गन कैरिज फैक्ट्री में रिकॉर्ड 700 करोड़ रुपए का उत्पादन हुआ था। इस साल लगभग 742 करोड़ रुपए मूल्य का उत्पादन लक्ष्य मिला है। इसमें 252 करोड़ से ज्यादा का उत्पादन तो सिर्फ धनुष तोप का है। बाकी लाइट फील्ड गन, एल-70 एंटी एयरक्राफ्ट गन का अपग्रेडेशन, 130 एमएम की अपग्रेड गन शारंग गन और 120 एमएम मोर्टार के अलावा दूसरे छोटे-बड़े काम हैं। इसी प्रकार कुछ काम एमुनेशन बॉक्स का है।
वीकल फैक्ट्री जबलपुर में बोर्ड से कोई बड़ा लक्ष्य तो नहीं मिला बल्कि जिन सैन्य वाहनों का उत्पादन पिछले वित्तीय वर्ष में नहीं हो पाया था, उन्हें ही तैयार किया जाएगा। बताया जाता है कि इसमें 600 से अधिक स्टालियन और तीन सौ से ज्यादा एलपीटीए के अलावा 260 के करीब अपग्रेड माइन प्रोटेक्टिड वीकल और 50 से अधिक 407 वाहन की बुलेटप्रूफिंग का काम शामिल है। इनकी कीमत लगभग 600 करोड़ होगी।
ग्रे आयरन फाउंड्री में इस साल उत्पादन लक्ष्य करीब 125 करोड़ रुपए का है। हालांकि पिछले साल यह लगभग 140 करोड़ था। लेकिन एरियल बम बॉडी की कीमत में बदलाव होने से लक्ष्य में परिवर्तन हुआ है। बताया जाता है कि फाउंड्री इस साल करीब 40 हजार हैंड ग्रेनेड, दस हजार से ज्यादा एरियल बम बॉडी, 300 से ज्यादा 250 किलोग्राम बम की बॉडी और एमुनेशन बॉक्स का उत्पादन करेगी।
वहीं, ग्रे आयरन फाउंड्री के पीआरओ प्रशांत प्रसन्ना ने कहा कि कई नए प्रोजेक्ट होने के कारण वित्तीय वर्ष में 742 करोड़ से ज्यादा का उत्पादन लक्ष्य मिला है। यह समय पर पूरा हो सके इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।

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