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जबलपुर

सरकार की इस नीति से फूटा गुस्सा-इससे तो मिट जाएगा स्वर्णिम इतिहास

आयुध निर्माणियों के निगमीकरण के फैसले से जबलपुर के कर्मचारी महासंघों में आक्रोश

जबलपुरMay 17, 2020 / 09:02 pm

shyam bihari

ofk jabalpur

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जबलपुर। देशभर की 41 आयुध निर्माणियों के निगमीकरण के फैसले से सेना से जुड़े कई प्रोजेक्ट पर बुरा असर हो सकता है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को निगमीकरण की घोषणा की है। इससे कर्मचारी महासंघों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने इसे कर्मचारियों के भविष्य और देश के सुरक्षा के खिलाफ साजिश करार दिया। जबलपुर शहर में वीकल फैक्ट्री जबलपुर पर इस निर्णय का सबसे पहले असर हो सकता है। इस बीच एआईडीईएफ, आईएनडीडब्ल्यूएफ और बीपीएमएस से जुड़े तमाम कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन की तैयारी कर ली है। केंद्र सरकार का यह फैसला ऐसे समय आया है जब देशभर में लॉकडाउन है। फैसले में रक्षा उत्पादन में एफडीआई की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दिया गया है। इसका सीधा मतलब विदेशी कंपनियां यदि मेक इन इंडिया के तहत रक्षा उत्पादन करेंगी तो उनकी हिस्सेदारी सबसे ज्यादा होगी। कर्मचारी महासंघों ने आशंका जताई कि निगम बनने से नए कर्मचारियों की स्थिति बीएसएनएल जैसी हो जाएगी। इससे उन्हें वेतन और पेंशन सहित दूसरी सुविधाओं में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
आत्मघाती कदम
भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ (बीपीएमएस) ने कहा कि अचानक आयुध निर्माणी बोर्ड और आयुध निर्माणियों के निगमीकरण का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सरकार का आत्मघाती कदम है। संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री नरेंद्र तिवारी, राष्ट्रीय सचिव रामप्रवेश सिंह, राकेश शर्मा, काजल विश्वास, राजेन्द्र चराडिय़ा, रूपेश पाठक, भूपेंद्र, चार्ली, शशि भूषण पांडे, कमल चौहान, राहुल पांडे, संजय मिश्रा, राकेश रजक, बिहारी लाल का कहना था कि सरकार अब आयुध निर्माणियों को बंद करना चाहती है। संघ ने सभी कार्यकर्ताओं से आंदोलन के लिए तैयार रहने कहा।
संकट की आड़ में किया धोखा
ऑल इंडिया डिफेंस एंप्लाइज फेडरेशन (एआईडीईएफ) ने कहा कि सरकार ने संकट के समय आयुध निर्माणियों के कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन पाठक ने कहा कोरोना की आड़ लेकर सरकार ने रक्षा उत्पादन, परमाणु, अंतरिक्ष, डीआरडीओ जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में निजी क्षेत्रों को बढ़ावा दिया है। इसका सख्त विरोध करेंगे। यूनियनों के रामप्रवेश, मिठाई लाल रजक, सुनील श्रीवास्तव, अर्नब दासगुप्ता, रोहित यादव, राजा पांडे, अमरीश सिंह, नितेश सिंह, मोहनलाल, श्रीराम मीणा ने कहा कि इस निर्णय का सख्त विरोध किया जाएगा। इंडियन नेशनल डिफेंस वर्कर्स फेडरेशन (आईएनडीडब्ल्यूएफ) ने आयुध निर्माणियों के निगमीकरण को अमानवीय करार दिया। संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण दुबे का कहना है कि निर्माणियों का स्वर्णिम इतिहास है। सरकार उसे मिटा रही है। देश पर जब भी संकट आया है तब कर्मचारियों ने दिन-रात नहीं देखा। उनके साथ छल किया गया है। फेडरेशन की यूनियनों के आनंद शर्मा, केबीएस चौहान, अनूप सीरिया, संजय सिंह, संतराम रजक, अविनाश भटकर, शैलेष सिंह, मनोज तिवारी का कहना था कि सरकार की नीति का हर फोरम पर विरोध किया जाएगा।
जबलपुर की आयुध निर्माणियों में प्रमुख प्रोजेक्ट
– 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप
– 155 एमएम 45 कैलीबर शारंग तोप।
– मॉडिफाइड माइन प्रोटेक्टिड वीकल।
– 125 एमएम टैंक भेदी बम प्रोजेक्ट।

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