शासकीय भूमियों पर कब्जा और अवैध निर्माण के खिलाफ पूरे जिले में कार्रवाई की जा रही हैं। हालांकि सबसे ज्यादा संख्या अधारताल क्षेत्र में हो रही हैं। इसी प्रकार रांझी, गोरखपुर, मझौली, शहपुरा तहसील क्षेत्रों में कुछ बड़ी कार्रवाई हुई हैं। अभी शहर का ज्यादा विस्तार अधारताल और मंडला रोड पर क्षेत्र में ही चल रही है। खेती की जमीन का उपयोग आवासीय में होने लगा है। बीच में शासकीय भूमि का बड़ा रकबा भी था। प्रशासन ने इन जमीनों के उपयोग की कोई योजना नहीं बनाई। ऐसे में भू माफियाओं ने इन पर कब्जा किया। यही नहीं करोड़ों रुपए के निर्माण भी किए गए। अभी भी कई जगहों पर कब्जे हैं।
माढ़ोताल में सबसे बड़ी कार्रवाई
अधारताल तहसील के अंतर्गत माढ़ोताल तालाब की करीब 40 एकड़ जमीन को जिला प्रसाशन ने कब्जामुक्त कराया था। इसकी कीमत 280 करोड़ रुपए से ज्यादा आंकी गई थी। संभवत: प्रदेश में यह पहली कार्रवाई थी , जिसमें इतनी कीमत की जमीन को माफियाओं से मुक्त कराया गया है। इस मामले में भूमि हस्तांतरण को लेकर प्रशासन ने नोटिस भी जारी किए हैं।
– 40 एकड़ 280 करोड़ मकसूद और राजेश तिवारी – 4.92 एकड़ 20 करोड़ हामिद हसल, मोइनुद्दीन
– 23000 वर्गफीट 13.80 करोड़ आसिफ – 2 एकड़ 13.50 करोड़ संजीव चौबे, बाबूलाल पटेल, प्रकाश यादव
– 03 एकड़ 11 करोड़ कैलाश पटेल
– 1400 वर्गफीट 2 करोड़ गज्जू उर्फ गजेंद्र सोनकर – 3400 वर्गफीट 6 करोड़ गज्जू उर्फ गजेंद्र सोनकर
– 0.830 हेक्टेयर 4.5 करोड़ डीएम मंसूरी
– 0.743 हेक्टेयर 1.50 करोड़ डीएम मंसूरी – 11000 वर्गफीट 10.50 करोड़ पप्पू अकील, शकील अहमद
– 20600 6.18 करोड़ मो शफीक व 10 अन्य – 4500 वर्गफीट 5 करोड़ हाजी इरशाद
– 2.50 एकड़ 4.50 करोड़ आकिब अंसारी
– 3000 वर्गफीट 3 करोड़ मीना मच्छी – 3500 वर्गफीट 01 करोड़ विजय कुकरेजा
– 5000 वर्गफीट 01 करोड़ कज्जू कदीर – 6300 वर्गफीट 2.85 करोड़ अमजद अली
अधारताल क्षेत्र में भू-माफियाओं पर लगातार कार्रवाई की जा रही हैं। यह क्षेत्र बड़ा है। कई जगह नई बसाहट है। इसका फायदा माफिया उठाते हैं, लेकिन जहां भी प्रशासन को तथ्य और शिकायत मिली है, वहां शासकीय भूमियों को कब्जामुक्त कराया है।