news facts- गर्भपात की अनुमति, नि:शुल्क मिलेगी चिकित्सकीय मदद
हाईकोर्ट ने बलात्कार के कारण गर्भवती हुई युवती को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज जबलपुर के डीन को निर्देश दिए कि आवश्यक कदम उठाते हुए जल्द से जल्द गर्भपात कराएं। पीडि़ता को इसके लिए 1 दिसंबर की सुबह 11 बजे डीन के समक्ष उपस्थित होना होगा। जस्टिस सुजय पॉल की सिंगल बेंच ने पीडि़ता को समस्त चिकित्सा सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध कराने को कहा। बेंच ने भ्रूण का डीएनए सेंपल सीलबंद करने व मेडिकल कॉलेज के डीन की रिपोर्ट को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए।
ग्वारीघाट निवासी 26 वर्षीय युवती ने याचिका में कोर्ट को बताया था कि 5 अगस्त 2018 को भरतीपुर निवासी अजीत उर्फ अप्पू सोनकर ने शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में उसने ग्वारीघाट थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। उसे डॉक्टर से जांच कराने पर पता चला कि वह लगभग 10 सप्ताह का गर्भधारण कर चुकी है। अधिवक्ता राजेश चंद व आशीष मिश्रा ने तर्क दिया कि पीडि़ता वह बलात्कारी के बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती है। इसलिए उसे गर्भपात की इजाजत दी जाए। कोर्ट के पूर्व निर्देश पर डीन मेडिकल कॉलेज जबलपुर ने डॉक्टरों की 3 सदस्यीय टीम से रेप पीडि़त युवती के गर्भ की जांच कराकर 29 नवंबर को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश की । इसमें बताया गया कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 के प्रावधानों के अंतर्गत युवती का गर्भपात किया जा सकता है। रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता के गर्भपात की अनुमति दे दी।