इस समस्याओं ने बढ़ाई और परेशानी
1. कई खाताधारकों के अंगुलियों के निशान को अथेंटिकेशन के दौरान बायोमेट्रिक डिवाइस मैच नहीं कर पा रही हैं।
2. कई उपभोक्ताओं के बैंक एकाउंट और आधार कार्ड में नाम की स्पेलिंग में अंतर है। इससे अथेंटिकेशन रुक गया है।
3. कई उपभोक्ताओं के बैंक खाते और आधार कार्ड में पता अलग-अलग है। इनका अथेंटिकेशन अटक गया है। इसमें ज्यादातर दूसरे शहरों से आकर यहां नौकरी करने वाले लोग हैं।
4. एक खाताधारक ने आधार कार्ड में अपने पिता का नाम दर्ज नहीं कराया था। अब पिता का नाम नहीं होने से उसका अथेंटिकेशन रुक गया है।
5. कुछ उपभोक्ता के आधार कार्ड में केवल उसके जन्म वर्ष की तारीख दर्ज है। अथेंटिकेशन के लिए पहुंचने पर उसे जन्म दिनांक और माह दर्ज कराकर आधार कार्ड लाने कहा गया है।
6. कुछ खाताधारकों के बैंक एकाउंट और आधार कार्ड के नाम की स्पेलिंग में सिर्फ स्पेस का अंतर है। इन्हें भी नाम सुधारने के लिए कहा गया है।
इन्हें भी भटका रहे हैं
जिन उपभोक्ताओं के एक से अधिक एकाउंट है, उन्होंने गैस सब्सिडी के लिए किसी एक बैंक खाते को आधार लिंक कराया हुआ है। ये उपभोक्ता जब अथेंटिकेशन के लिए बैंक में पहुंच रहे है तो उन्हें उस बैंक में जाने के लिए कहा जा रहा है जहां से उन्होंने खाता के को आधार लिंक कराया है। उस बैंक/ब्रांच में जानकर सत्यापन कराने कहा जा रहा है।
20 लाख से ज्यादा खाते
आधार वैरीफेकशन के काम से जुड़े लोगों का कहना है कि शहर में करीब 22 सरकारी और निजी सेंटर्स पर आधार कार्ड अपडेट किया जा रहा है, जहां लोगों की लंबी कतारें नजर आ रहीं हैं। सूत्रों के अनुसार प्रदेश में चालू और बचत खातों की संख्या करीब 5.82 करोड़ है। 31 दिसंबर 2017 तक 4.73 करोड़ चालू और बचत खाते आधार से लिंक हो चुके हैं। यानी 1.05 करोड़ बैंक खाताधारकों के पास आधार नंबर ही नहीं है। जबलपुर जिले में करीब 20 लाख बैंक खाते हैं। इनमें से करीब 5 लाख बैंक खातों का आधार अथेंटिकेशन हो चुका है।
प्रदेश में 47 प्रतिशत ही काम
आधार वैरीफिकेशन की व्यवस्था संभालने वालों का कहना है कि अभी तक जो आंकड़े सामने आएं हैं, उन्हें देखकर पता चलता है कि प्रदेश के सिर्फ 47त्न बैंक खातों का ही अथेंटिकेशन हो पाया है। वहीं बीमा, मोबाइल, पीएफ और म्यूचुअल फंड में आधार अथेंटिकेशन की रफ्तार बेहद धीमी है। म्यूचुअल फंड के निवेशकों को तो हर फंड हाउस में अलग-अलग अथेंटिकेशन कराना पड़ रहा है। अथेंटिकेशन की सुस्त रफ्तार पर विशेषज्ञों का मानना है कि इस काम के लिए अभी 3 से 4 माह और लग सकते हैं।
चार प्रकार से वैरीफिकेशन
जिला प्रबंधक इ-गवर्नेंस चित्रांशु त्रिपाठी के अनुसार जिले में करीब 22 सेंटर काम कर रहे हैं। इनकी नियमित मॉनीटरिंग हो रही है। बायोमेट्रिक कार्ड और आइरिश स्कैनर से अथेंटिकेट करने का प्रयास किया जा रहा है। चार तरह के तरीकों से आधार का वैरीफिकेशन हो रहा है, जिसमें अभी तक करीब 25.40 लाख आधार बनाए जा चुके हैं।