शनि 33 दिन रहेंगे अस्त
ज्योतिषविद जनार्दन शुक्ला के अनुसार पिता सूर्य देव के अत्यंत निकट होने के कारण शनि देव 33 दिन तक अस्त रहेंगे। शनिदेव का अस्तकाल 16 दिसंबर से 19 जनवरी सुबह 8.17 बजे तक रहेगा ग्रह चक्र के सबसे बड़े प्रभावशाली ग्रह माने जाने वाले शनि देव अभी अस्थिरता लिए हुए हैं। शनि देव जब सूर्य के समीप होते हैं तो उसे शनि की अस्त काल अवस्था कहा जाता है। शनि देव के अस्त काल के समय कई ग्रहों की शक्ति क्षीण हो जाती है। वे अपना पूर्ण रुप से फल प्रदान नहीं कर पाते। शनि देव के अस्तकाल के लिए ज्योतिषशास्त्र में उनकी सूर्य देव से दूरी देखी जाती है।
वैवाहिक कार्यों पर ब्रेक
ज्योतिषाचार्य पं. शुक्ला के अनुसार विवाह कार्यों में गुरु और शुक्र दोनों का ही उदित होना जरुरी माना गया है। देवउठनी एकादशी पर गुरु अस्त होने से इस बार इस दिन भी विवाह के योग नहीं थे, लेकिन 7 दिसंबर को गुरु के उदय के साथ ही विवाह पर लगा ब्रेक खत्म हो जाएगा। इसके बाद 14 एवं 15 को विवाह के मुहूर्त रहे, हालांकि 16 दिसंबर से 14 जनवरी मकर संक्रांति तक खरमास होने के कारण एक बार फिर विवाह कार्यों पर ब्रेक जग जाएगा। इसके बाद 17 जनवरी से विवाह कार्य शुरू होंगे।
मंगल ग्रह का परिवर्तन
ज्योतिषाचार्य पं. शुक्ल के अनुसार रविवार 16 दिसंबर को दो प्रमुख ग्रह राशि परिवर्तन कर रहे हैं। यह परिवर्तन इस साल का आखिरी परिवर्तन होगा। 16 दिसंबर को सुबह 9.25 बजे सूर्य वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेंगे। वहीं मंगल 23 दिसंबर को दोपहर 12.56 बजे कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य देव को शास्त्रों में सर्वाधिक प्रभावित करने वाला ग्रह माना जाता हे। ये सभी प्रकार के ऐश्वर्य प्रदान करने वाले, सरकारी नौकरी और जीवन की उऊंचाईयों पर ले जाने वाले ग्रह माने जाते हैं। ग्रहों का परिवर्तन उद्योगपतियों के लिए लाभकारी रहेगा। इसके अलावा राजनीतिक अस्थिरता समाप्त होगी। जातकों के लिए यह समय उत्साह वर्धक रहेगा। खासकर शनि से प्रभावित पांच राशियों के जातकों के पक्ष में सकारात्मक परिणाम सामने आने की संभावना है।