80 फीसदी हड़ताल पर
मेडिकल में 400 से अधिक जूनियर डॉक्टर हैं। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के स्वशासी कर्मियों की संख्या लगभग 600 है। 400 के करीब स्वशासी नर्सेस भी हड़ताल में शामिल हैं। कॉलेज के नियमित तृतीय श्रेणी कर्मी भी हड़ताल के पक्ष में हैं। इन्हें छोड़कर करीब डेढ़ सौ सीनियर रेजीडेंट, 120 सीनियर नर्सेज और गिने-चुने कर्मी ही सोमवार को कार्य के लिए उपस्थित होंगे।
सरकार की ओर नजर
प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज में कर्मचारी और जूनियर डॉक्टर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। सूत्रों के अनुसार हड़ताल में शामिल समस्त संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों को सोमवार को मुख्यमंत्री की ओर से बातचीत के लिए बुलाया गया है।
इनका कहना है
स्टायपेंड में 20 हजार रुपए बढ़ाने के लिए लगातार सरकार को पत्र भेजा जा रहा है। समानांतर ओपीडी लगाकर विरोध दर्ज कराया। लेकिन, सरकार की ओर से बातचीत तक नहीं की गई। सोमवार से जूडॉ आकस्मिक सेवाएं भी नहीं देंगे।
– डॉ. अमरेंद्र वर्मा, अध्यक्ष, जूडॉ, एनएससीबी मेडिकल कॉलेज
सातवें वेतनमान को एक जनवरी, 2016 से लागू करने और समयमान-वेतनमान के लिए लंबे समय से मांग की जा रही है। अभी तक मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण सोमवार से कामबंद हड़ताल की जाएगी।
– वीरेंद्र तिवारी, शाखा अध्यक्ष, मप्र तृतीय वर्ग शास. कर्मचारी संघ