अभी तक ये व्यवस्था
जानकारों के अनुसार अभी तक एमएसओ ब्रॉडकास्टर से बल्क में उनके चैनल एक निर्धारित पैकेज के तहत खरीदते हैं। उसमें में भी फ्री टू एयर चैनल के लिए कोई शुल्क नहीं था। केबल ऑपरेटरों के जरिए मनोरंजन चैनल उपभोक्ताओं तक पहुंचते हैं। अब उन्हें हर चैनल के लिए अलग-अलग राशि देनी पड़ सकती है। ऐसे में मासिक खर्च भी बढ़ जाएगा। यानि उपभोक्ता जिस चैनल को पसंद करता है उसके लिए राशि चुकानी पड़ेगी। जिनकी उसे आवश्यकता नहीं है, वह उस तक नहीं पहुंचेगा।
तो बंद हो जाएगा प्रसारण
एक तरह से यह उपभोक्ता के लिए बिना जरुरत वाले चैनल से नाता नहीं रखने की आजादी है, लेकिन मौजूदा सुविधा से वह वंचित हो जाएंगे। फिलहाल नए नियम से केबल और डीटीएच मनोरंजन तो महंगा होगा। उपभोक्ताओं को अपनी जेब थोड़ी हल्की करनी पड़ेगी। उन्हें जो चैनल देखना है, उसकी लिस्ट आपरेटर को देनी होगी। उसी आधार पर उनके सेट टॉप बाक्स में चैनल को इंस्टाल किया जाएगा। निर्धारित शुल्क नहीं देने पर उस चैनल का प्रसारण बंद हो जाएगा।
शहर में ही 2 लाख से अधिक उपभोक्ता
जबलपुर में सात एमएसओ हैं। 500 से अधिक ऑपरेटर हैं जिनके माध्यम से लोगों के घरों तक केबल कनेक्शन पहुंचता है। इसी तरह उपभोक्ताओं की बात की जाए तो वह 2 लाख से ज्यादा हैं। हाल में भोपाल में हुई ट्राई की बैठक में ऑपरेटरों ने इस नियम का विरोध किया था। अब वह अपने विरोध से कलेक्टर और कमिश्नर को भी अवगत कराएंगे।
महंगा होगा कनेक्शन
नए नियम से उपभोक्ताओं को केबल कनेक्शन महंगा पडेग़ा। हर चैनल के लिए अलग-अलग राशि तय है। इससे केबल कारोबार भी प्रभावित होगा। मौजूदा नियम को लागू रखने के लिए ट्राई को अवगत कराया गया है। स्थानीय प्रशासन के सामने भी बात रखी जाएगी।
रामदास यादव, उपाध्यक्ष मप्र केबल ऑपरेटर वेयलफेयर एसोसिएशन