50 से अधिक चिकित्सक
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सेवाएं देने वाले कई चिकित्सकों ने निजी अस्पतालों के साथ सीक्रेट एग्रीमेंट किया हुआ है। सूत्रों के अनुसार ये डॉक्टर्स निजी अस्पताल की आवश्यकता पर ड्यूटी छोडकऱ वहां मरीजों की जांच के लिए पहुंचते है। इनकी संख्या करीब पचास बताई जा रही है। इसमें समस्त विधाओं के विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल है।
एनपीए भी ले रहे
राज्य सरकार सिर्फ मेडिकल अस्पताल में सवा देने वाले चिकित्सकों को अलग से नॉन प्रेक्टिसिंग एलाउंस का भुगतान करती है। खबर है कि मेडिकल के कुछ डॉक्टर्स एनपीए की सुविधा लेने के बावजूद गुपचुप तरीके से प्राइवेट प्रेक्टिस कर रहे है। घर में क्लीनिक चला रहे है। अघोषित रुप से गली-मोहल्ले में नियमित मरीजों की जांच कर रहे है।
इमरजेंसी ऑपरेशन
राज्य सरकार ने चिकित्सकों को इमरजेंसी ऑपरेशन करने की छूट दी है। लेकिन निजी अस्पताल में ऑपरेशन से पहले प्रबंधन को सूचित करना अनिवार्य किया है। खबर है कि कई विशेषज्ञ चिकित्सक इस नियम की आड़ में ड्यूटी के समय निजी अस्पतालों में ऑपरेशन कर रहे है। इसकी सूचना भी प्रबंधन को नहीं दे रहे हैं। प्राइवेट अस्पताल के संचालक भी डॉक्टर्स से संबंधित जानकारी सरकार से छिपा रहे हैं।
होगी सख्त कार्रवाई
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स को प्राइवेट प्रेक्टिस संबंधी प्रावधान की पालना करना है। निजी अस्पतालों को भी डॉक्टर्स से संबंधित जानकारी प्रेषित करने का निर्देश है। नियम का उल्लंघन करने पर डॉक्टर्स के साथ ही अस्पताल पर भी सख्त कार्रवाई होगी।
आशुतोष अवस्थी, संभागायुक्त