मेडिकल अस्पताल में गहराया संकट
अस्पताल प्रशासन ने 12 दिन पहले किया था ऑर्डर, अब तक नहीं मिली सप्लाई
अधिष्ठाता और अधीक्षक कार्यालय का दरवाजा खटखटाया। मरीजों के लिए तत्काल इंजेक्शन उपलब्ध कराने की मांग कर हंगामा किया। अधिकारियों के जल्द उचित व्यवस्था के आश्वासन पर परिजन शांत हुए। बताया गया कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में प्रभावी एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन के लिए अस्पताल प्रशासन ने 17 जुलाई को निर्माता कम्पनी को मांगपत्र भेजा था। आपूर्ति में देर होने पर दो रिमाइंडर भी भेजे जा चुके हैं। लेकिन, 12 दिन बाद भी इंजेक्शन अस्पताल नहीं पहुंचे। जानकारी के अनुसार इस बीच ब्लैक फंगस के मरीजों को दी जाने वाली टैबलेट की भी कमी हो गई है। समय पर इंजेक्शन नहीं लगने और टैबलेट की कमी से मरीजों के परिजन बुधवार को नाराज हो गए और हंगामा करने लगे।
73 मरीज भर्ती, शाम को आई राहत
मेडिकल अस्पताल में ब्लैक फंगस के लगभग 73 मरीज भर्ती हैं। इनमें से कई मरीजों की सर्जरी हो चुकी है। उसके बाद मरीज को लगातार इंजेक्शन देने की जरूरत है। ब्लैक फंगस को शरीर में फैलने से रोकने के लिए भी कुछ मरीजों को इंजेक्शन लगाए जा रहे थे। लेकिन, इंजेक्शन की कमी के बाद टैबलेट की भी कमी ने संकट बढ़ा दिया। गनीमत थी कि शाम तक 500 इंजेक्शन अस्पताल पहुंच गए। सभी मरीजों को इंजेक्शन लगाए गए।
व्यवस्था बदलने से हुई समस्या
मेडिकल कॉलेज में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार के लिए अभी तक भोपाल से इंजेक्शन और टैबलेट भेजे जा रहे थे। पिछले पखवाड़े 16 जुलाई को व्यवस्था बदल दी गई है। अस्पताल स्तर पर प्रदेश सरकार की अधिकृत कम्पनी से सीधे इंजेक्शन मंगवाने के निर्देश दिए गए। इसके अगले ही दिन अस्पताल ने कम्पनी को ढाई हजार इंजेक्शन का ऑर्डर किया। पहली खेप में बुधवार शाम को 500 इंजेक्शन अस्पताल पहुंचे।