शार्ट सर्किट समेत कई कारण, ‘बारूद’ की तरह भभक रहीं हैं कार
तापमान है कारणमोटर मैकेनिक मन्नू ने बताया कि कई कारों में लगने वाले वायर पतले होते हैं। टेम्प्रेचर के साथ बोनट गर्म होता है। इसका असर वायर की प्लास्टिक पर पड़ता है और वह पिघल जाती है। इसके बाद यदि वह दूसरे वायर के संपर्क में आए, तो स्पार्र्किंग होने लगती है और इंजन पर पडी डीजल या पेट्रोल की परत में आग लग जाती है। इंजन में आग लगने से कार के भीतर का हिस्सा तेजी से प्रभावित होता है, क्योंकि वायरों के जरिए आग तत्काल कार के भीतर पहुंच जाती है।
विवरण : जसूजा सिटी निवासी गुरमीत सिंह की कार एमपी २० एफए १३६३ में अचानक आग भड़क उठी। जैसे-तैसे गुरमीत ने कार रोकी और उतरकर जान बचाई। घटना में कार पूरी तरह से जलकर खाक हो गई।
विवरण : सड़क किनारे खड़ी एक कार में अचानक आग भड़क उठी थी। आग एक घर के बरामदे में खड़ी थी। आग कैसे लगी आज तक इसका खुलासा नहीं हो सका है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि वायर से आग लगी होगी।
इन कारणों के कारण हादसे
परफ्यूम : परफ्यूम को कार की सुगंध के लिए लगाया जाता है, लेकिन हवा के साथ घुलने वाले इसके रसायन आग भड़का सकते हैं। कई बार कार में परफ्यूम की सुगंध फैली होती है, इसी दौरान यदि कोई चिंगारी उसके संपर्क मे आ जाए, तो आग भड़क उठती है।
बचाव के लिए ये करें
अधिक तापमान होने पर कार को छांव में खड़ा करें।
यदि आवश्यक न हो तो अधिक तापमान में कार को न ढंके।
कार में परफ्यूम का प्रयोग लगातार न करें।
माचिस, टीशू पेपर, कपड़ा आदि न रखें।
कार की वायरिंग की समय-समय पर जांच कराएं।
एसी व हीटर की नियमित जांच कराएं।
इंजन के ऊपरी हिस्से की साफ-सफाई करते रहें।
कार का कांच हमेशा थोड़ा खुला छोड़ दें।
कार में हमेशा फायर फाइटर के उपकरण रखें।