पांच एकड़ से कम में कॉलोनी विकसित होने से मिलेगा फायदा, आवास नीति में बदलाव के प्रस्ताव को माना जा रहा है अहम
जबलपुर•Aug 01, 2019 / 09:33 pm•
prashant gadgil
township
जबलपुर। पांच एकड़ से कम भूखंड पर कॉलोनियों के विकास से तस्वीर बदलेगी। माना जा रहा है कि हर साल बड़ी संख्या में टाउनशिप के नए प्रोजेक्ट आएंगे। इससे रियल एस्टेट सेक्टर भी तेजी से ग्रोथ लेगा। इतना ही नहीं जानकारों के अनुसार टाउनशिप के प्रोजेक्ट ज्यादा संख्या में आने पर पर इसका सीधा लाभ शहरवासियों को होगा। उन्हें कम कीमत पर प्लॉट, फ्लेट व ड्यूप्लेक्स मिल सकें गे। पांच एकड़ से कम में कॉलोनी विकसित करने संबंधी आवास नीति में बदलाव के प्रस्ताव को रियल एस्टेट कारोबारी इस सेक्टर में बड़ा बदलावकारी कदम बता रहे हैं। ये भी माना जा रहा है की अब व्यवस्थित तरीके से बड़ी संख्या मेंं नई टाउनशिप विकसित होंगी। वहीं अवैध कॉलोनियों पर नकेल कसेगी।
गिनती के प्रोजेक्ट आते हैं अभी
रियल एस्टेट कारोबारियों के अनुसार पिछला एक दशक टाउनशिप प्रोजेक्ट्स के लिए अच्छा नहीं रहा है। पहले मंदी का दौर आया। इसके बाद कलेक्टर गाइड लाइन में जमीनों की कीमत बढऩे से इस सेक्टर को जोर का झटका लगा। रियल एस्टेट सेक्टर इन झटकों से उबर भी नहीं पाया था की नोटबंदी व जीएसटी ने फिर तगड़ा झटका दिया। जिसके कारण पिछले कई साल से गिनती के प्रोजेक्ट आ रहे हैं। एेसे में अब जबकि कलेक्टर गाइड लाइन में जमीनों के दाम स्थिर रखे गए हैं। टाउनशिप विकास के लिए जमीन का निर्धारित रकबा भी घटाया गया है, एेसे में बड़ी संख्या में नए प्रोजेक्ट आ सकते हैं।
इनका कहना है
रियल एस्टेट सेक्टर के दृष्टिकोण से टाउन एंड कं ट्री प्लानिंग ने अच्छा प्रस्ताव तैयार किया है। नई आवास नीति में पांच एकड़ से कम जमीन पर कॉलोनी विकसित करने की स्वीकृति मिलने पर तेजी से बड़ी संख्या में नए आवासों का निर्माण हो सकेगा। बड़ी संख्या में नए प्रोजेक्ट शुरू होने पर आम जन को भी कम कीमत में आवास उपलब्ध हो सकेंगे।
धीरेश खरे, अध्यक्ष, क्रे डाई
कॉलोनी विकसित करने के लिए अब तक न्यूनतम पांच एकड़ जमीन उपलब्ध होने का जो नियम था अब उसमें बदलाव होने पर अवैध कॉलोनियों के विकास पर काफी हद तक नियंत्रण होगा। ज्यादातर बिल्डर नगर निगम से लेकर टाउन एंड कं ट्री प्लानिंग व जिला प्रशासन के स्तर पर सभी आवश्यक नियमों का पालन कर वैध कॉलोनी विकसित करने के लिए प्रेरित होंगे।
इंजी.संजय वर्मा, स्ट्रक्चर इंजीनियर व टाउन प्लानर