कोर्ट ने एमपीपीएससी को निर्देश दिए कि अपनी वेबसाइट में आवश्यक संशोधन करे, ताकि बाहरी उम्मीदवार अपने फॉर्म भर सकें।आवश्यकता महसूस होने पर फॉर्म भरने के लिए नई तारीख घोषित कर सात दिनों का समय दिया जाए। उसके बाद परीक्षा की नई तारीख घोषित की जाए।
उप्र के गौतम बुद्ध नगर निवासी शीलेन्द्र सिंह व आजमगढ़ जिला निवासी वैभव कुमार सिंह की ओर से याचिका दायर की गई। अधिवक्ता आदित्य संघी ने कोर्ट को बताया कि एमपीपीएससी के जरिए आगामी 22 मई को मप्र राज्य अभियांत्रिकी सेवा ( स्टेट इंजीनियरिंग सर्विसेज)परीक्षा 2021 आयोजित की जा रही है। इसमें याचिकाकर्ता को योग्यता होने के बावजूद इसलिए शामिल नहीं किया गया, क्योंकि वे मप्र के मूलनिवासी नहीं हैं। एमपीपीएससी के इस नियम को असंवैधानिक बताते हुए अधिवक्ता संघी ने तर्क दिया कि संविधान के तहत प्रत्येक नागरिक को देश भर में कहीं भी अवसर की समानता का अधिकार दिया गया है। हर नागरिक को भाषा, जन्मस्थान, धर्म, निवास का भेदभाव किए बिना रोजगार प्राप्त करने के अवसर पाने का समान अधिकार है। यह अधिकार इस बात पर निर्भर नहीं करता कि व्यक्ति देश में कहां रहता है। उन्होंने 22 मई को होने वाली उक्त परीक्षा स्थगित कर फिर से कराने और याचिकाकर्ताओं को भी इसमें शामिल करने का आग्रह किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने आग्रह स्वीकार कर लिया। सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अशीष आनन्द बर्नार्ड उपस्थित हुए।