शिव के साथ आज माता दुर्गा की भी करें पूजा, दुर्गाष्टमी होने से सावन सोमवार का बढ़ा महत्व
जबलपुर। कई लोगों के पास कड़ी मेहनत के बाद भी समृद्धि की कमी रह जाती है। कई थोड़े से प्रयास में सफल हो जाते हैं। इसे शास्त्रों में प्रारब्ध से जोड़कर देखा गया है। भावहिं मेंट सकई त्रिपुरारी.. यानी समस्त देवताओं में शिव ही ऐसें हैं जो प्रारब्ध को मेंटकर यानी मिटाकर भविष्य को संवार सकते हैं। सावन का महीना है यदि इस माह में उनका विधिवत पूजन किया जाए तो हर हाल में सफलता मिल सकती है।
ऐसे करें पूजन
यथासंभव सोमवार को सफेद शिवलिंग की पूजा करें। ऐसा न हो सके तो सामान्य शिवलिंग की ही पूजा करें। जल-दूध-शहद-घी के साथ शिवाभिषेक करें। शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाएं और ऊं नम: शिवाय मंत्र का कम से कम एक माला जाप करें। शिवपूजा के साथ ही माता गौरी की पूजा करें उन्हें सफेद फूल अर्पित करें. दूध से बनी मिठाई का भोग शिव और गौरी को अर्पित करें। पंडित दीपक दीक्षित बताते हैं कि पूजा के दौरान मंत्र- ह्रीं गौरीशंकराय नम: ह्री – का एक माला जाप करें। ऊं नम: शिवाय और ह्रीं गौरीशंकराय नम: ह्री – इस मंत्र का साल भर एक माला जाप करने का संकल्प भी लें। इन दोनों मंत्रों के साथ ही नवार्ण मंत्र – ऊं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विच्चै- का भी एक माला जाप करें। इन तीनों मंत्रों की एक-एक माला जाप में बमुश्किल 17-18 मिनिट लगते हैं। यदि आप यह मंत्र जाप साल भर तक नियमित रूप से कर सके तो आपकी हर मनोकामना निश्चित रूप से पूरी हो जाएगी।
बन रहा है विशेष योग
ज्योतिषियों के मुताबिक आज शुरु होनेवाले पूजा-पाठ अनुष्ठान के फल अवश्य मिलेंगे यह तय है। आज दोपहर 2:29 तक शुभ नाम का योग और इसके बाद शुक्ल नाम का योग बन रहा है। सावन सोमवार, दुर्गाष्ग्मी और इन दोनों योगों का ये संयोग बेहद शुभ और मंगलकारी साबित होगा।