प्रदेश में नकली दूध बनाने की फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद तकरीबन हर बड़े जिले में प्रशासन की नजर दूध की गुणवत्ता पर है। कई जगह छापेमारी करके दूध में मिलावट पकड़ी गई है। प्रदेश भर में व्यापक पैमाने पर छापेमारी के बीच शहर में दूध की जांच को लेकर भी अभी तक खानापूर्ति चल रही है। डेयरियों से लेकर पाउच में बिक रहे दूध की गुणवत्ता को लेकर उपभोक्ता लगातार आशंका जता रहे है। उसके बावजूद मिलावट की जांच के नाम पर महज दो दिन कार्रवाई हुई। कुछ डेयरी के रिटेल काउंटर्स से दूध के नमूने लेने के साथ ही कार्रवाई पूरी हो गई। जबकि व्यापक पैमाने पर दूध की आपूर्ति करने वाले शहर की बड़ी डेयरियों और मिल्क प्लांट्स में दूध के स्टोरेज से लेकर उनकी मिलावट जांचने के लिए अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नही हुई है।
वीसी के लिए जानकारी बनाने में उलझा महकमा
खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच का जिम्मा संभालने वाला खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग कई दिनों से सिर्फ बैठक और जानकारी बनाने में उलझा हुआ है। सूत्रों के अनुसार विभाग के अधिकारी पिछले कुछ दिनों से विसी जानकारियां बनाने में जुटे थे। ज्यादातर समय खाद्य सामग्री में मिलावट रोकने को लेकर लगातार बैठक और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में निकल रहा है। भोपाल से लगातार आदेशों और रिपोर्ट तलब किए जाने से छापेमारी और खाद्य सामग्रियों की जांच का काम धीमा हो गया है। कलेक्टर भरत यादव के अनुसार मिलावटी खाद्य सामग्री की जांच के लिए आदेश दिए हैं। बाजार में बिकने वाली सस्ती से लेकर बड़े ब्रांड की खाद्य सामग्री के भी नमूने लिए जाएंगे। यह सुनिश्चित करने के प्रयास हैं कि आम लोग जिस भी खाद्य सामग्री का सेवन करें वह खराब, मिलावटी और सेहत को नुकसान पहुंचाने वाली न हो।