जनता के हित का ध्यान
श्री मिश्रा ने कराधान की व्यवस्था को एक राजा के उदाहरण से भी समझाया। उन्होंने कि कर इस तरह वसूल किया जाना चाहिए कि जिससे किसी को नुकसान नहीं हो। देश के विकास के लिए कर जरूरी है और सुखी देश के लिए वहां की जनता की समृद्धता आवश्यक है। इन दोनों का ध्यान रखा जाना चाहिए। इस संबंध में उन्होंने चाणक्य का भी उदाहरण पेश किया। इसके माध्यम से उन्होंने कहा कि कराधान की व्यवस्था पारदर्शी और कल्याणकारी होनी चाहिए।
टैक्स कन्सलटेंट की भूमिका
सीजेआई मिश्रा ने कहा कि जनता को कर के संबंध में सही दिशा दिखाने का काम टैक्स कन्सलटेंट का भी है। उनका यह काम है कि वह अपने क्लाइंट के माध्यम से सही टैक्स की वसूली कराएं ताकि वह राशि जनता और समाज के हित में काम आ सके। श्री मिश्रा ने कहा कि टैक्स के संबंध में वह कुछ नहीं कहूंगा क्योंकि जीएसटी अभी सब जुडिशल है, लेकिन इतना कहूंगा की करदाता को इमानदारी के साथ टैक्स जमा करना चाहिए। इसी में देश की तरक्की का राज छिपा हुआ है।
ये रहे उपस्थित
टैक्स बार एसोसिएशन के द्वारा जीएसटी पर आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय सेमिनार में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता और पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन विशिष्ट अतिथि के रुप में शामिल रहे। उन्होने भी जीएसटी पर अपने उद्बोधन दिए। सेमीनार में तरह देश भर से आए करीब 500 टैक्स अधिवक्ता और विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।
जुडिशल एकेडमी का भूमि पूजन
सीजेआई दीपक मिश्रा ने डुमना, गधेरी के समीप जुडिशल एकेडमी के लिए भूमि पूजन भी किया। इस अवस पर उन्होंने कहा कि जुडिशल एकेडमी के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ संसाधनों का बेहतर उपयोग करना होगा, ताकि न्यायिक अधिकारियों के माध्यम से इसका लाभ सीधे जरुरतमंद लोगों तक पहुंच सके। भूमि पूजन में चीफ जस्टिस हेमन्त गुप्ता, प्रभारी न्यायिक अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान संजीव कलगांवकर समेत अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।