गारंटी के एवज में करा रहे एफडी
प्रदेश शासन की स्वरोजगार योजनाओं के माध्यम से व्यवसाय या उद्योग शुरू करने के लिए हितग्राही परियोजना बनाकर देता है। परियोजना के आधार पर ऋण की राशि तय होती है। शासन भी उसमें मार्जिन मनी जमा करता है। इस बीच कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में ऋण लेने वाले हितग्राही से गारंटी के रूप में एफडी करवा ली गई। अर्थात् यदि किसी युवा ने 20 लाख रुपए ऋण लिया है तो उसमें शासन की ओर से 15 प्रतिशत मार्जिन मनी मिलती है। बैंकों ने इसे हितग्राही की ऋण राशि में समाहित न कर फिक्स डिपॉजिट करवा दिया। वर्ष 2018-19 में जबलपुर जिले में ऐसे छह से ज्यादा प्रकरण सामने आए हैं।
प्रदेश शासन की स्वरोजगार योजनाओं के माध्यम से व्यवसाय या उद्योग शुरू करने के लिए हितग्राही परियोजना बनाकर देता है। परियोजना के आधार पर ऋण की राशि तय होती है। शासन भी उसमें मार्जिन मनी जमा करता है। इस बीच कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में ऋण लेने वाले हितग्राही से गारंटी के रूप में एफडी करवा ली गई। अर्थात् यदि किसी युवा ने 20 लाख रुपए ऋण लिया है तो उसमें शासन की ओर से 15 प्रतिशत मार्जिन मनी मिलती है। बैंकों ने इसे हितग्राही की ऋण राशि में समाहित न कर फिक्स डिपॉजिट करवा दिया। वर्ष 2018-19 में जबलपुर जिले में ऐसे छह से ज्यादा प्रकरण सामने आए हैं।
परियोजना में बाधा
जिला उद्योग केंद्रों के माध्यम से मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के पिछले वर्ष के ऋण प्रकरणों का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार नरसिंहपुर के एक हितग्राही को 20 हजार रुपए कम दिए गए हैं। जबलपुर में कुछ प्रकरणों में शासन से अनुदान राशि स्पष्ट नहीं है।
जिला उद्योग केंद्रों के माध्यम से मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के पिछले वर्ष के ऋण प्रकरणों का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार नरसिंहपुर के एक हितग्राही को 20 हजार रुपए कम दिए गए हैं। जबलपुर में कुछ प्रकरणों में शासन से अनुदान राशि स्पष्ट नहीं है।
स्वरोजगार योजनाओं के कुछ प्रकरणों में हितग्रहाी को एक साथ ऋण राशि नहीं दी जाती। नए उद्योग या व्यवसाय की स्थापना में जोखिम अधिक होता है। ऋण की राशि कम होने पर ब्याज चुकाने में आसानी होती है।
एसके सिन्हा, मैनेजर, लीड बैंक
एसके सिन्हा, मैनेजर, लीड बैंक