इलाज में भी खेल-
सुमित्रा बाई ने बताया कि चार दिनों तक उसके बेटे का इलाज बिल्डर ने प्राइवेट अस्पताल में कराया। फिर इलाज अच्छा नहीं होने का हवाला देते हुए मेडिकल में भर्ती करा दिया। तब से उनका हाल जानने भी बिल्डर या ठेकेदार नहीं पहुंचे। इस हादसे की जानकारी बिल्डर या ठेकेदार ने पुलिस को भी नहीं दी। मंगलवार को प्रकरण सामने आने के बाद एसपी के निर्देश पर ग्वारीघाट पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी।