एक बैठक के दौरान कलेक्टर ने कहा कि शहर में पशुओं के कारण यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है। खूंखार कु त्तों से लोगों को भी खतरा बना रहता है। उनकी धरपकड़ शुरू की जाए। आवारा कुत्तों को पकड़कर नगर निगम के जिस डॉग हाउस में उपचार के लिए ले जाया जाता है वहां और अच्छी व्यवस्था करें। ताकि, उनकी देख-रेख बेहतर ढंग से की जा सके। इसके लिए उन्होंने नगर निगम की टीम को और अधिक कुशल बनाने के लिए वेटरनरी कॉलेज के चिकित्सकों से प्रशिक्षण दिलाने निर्देशित किया। उन्होंने घायल मवेशियों को भी बेहतर उपचार प्रदान करने के लिए उपयुक्त व्यवस्थाएं करने निर्देशित किया। बैठक में नगर निगम के अपर आयुक्त राकेश अयाची, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अपरा शाही, डॉं. एसएन शुक्ला, डॉं. एसके वाजपेयी, डॉ. अजय गुप्ता, स्वास्थ्य अधिकारी भूपेंद्र सिंह शामिल थे।