वैसे बीजेपी और कांग्रेस मिशन 2023 को साधने के साथ ही हाल में संभावित एक लोकसभा सीट व तीन विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव को भी साधने कीतैयारी में हैं। बता दें कि अमर शहीद शंकर शाह और रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर बीजेपी अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर रही है जो पांच दिवसीय होगा। इसका उद्घाटन अमित शाह करेंगे। इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री के स्वागत के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहेंगे। अमित शाह के आगमन को लेकर पुलिस प्रशासन ने चाक चौबंद सुरक्षा इंतजाम किए हैं। शाह शनिवार की सुबह साढ़े ग्यारह बजे जबलपुर पहुंच जाएंगे और शाम 7.30 बजे तक यहीं रहेंगे।
ये भी पढें- MP में हाई वोल्टेज political drama एक ही कार्यक्रम में अमित शाह और दिग्विजय सिंह जबलपुर प्रवास के दौरान गृहमंत्री मालगोदाम चौक स्थित अमर शहीद शंकर शाह रघुनाथ शाह के बलिदान स्थल पहुंच कर अमर शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दौरे का आगाज करेंगे। फिर गैरिसन मैदान में आदिवासी जननायकों के नाम पर आम सभा को संबोधित करेंगे। वह स्थानीय सांसद राकेश सिंह के आवास पर दोपहर का भोजन करने के बाद वेटरनरी महाविद्यालय परिसर में आयोजित उज्जवला योजना 2.0 के इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इस मौके पर स्थानीय बूथ कार्यकर्ताओं का सम्मेलन भी आयोजित किया गया है जिसमें अमित शाह बतौर मुख्य वक्ता शरीक होंगे। यह आयोजन शाम साढ़े चार बजे होना है। माना जा रहा है कि इस मौके पर वह पार्टी कार्यकर्ताओं को मिसन 2023 फतह करने के टिप्स भी देंगे। इसके अलावा नरसिंह मंदिर जाएंगे और पूजन-अर्चन के बाद दयोदय तीर्थ में आचार्य विद्यासागर का आशीर्वाद ग्रहण करेंगे। यानी सुबह से शाम तक करीब आठ घंटे वो जबलपुर में बिताएंगे।
बता दें कि अब तक आदिवासी जननायकों के बलिदान दिवस को कांग्रेस अरसे से शिद्दत से मनाती आ रही है। इस बार भी पार्टी इसमें कोई कोरकसर नहीं रख छोड़ना चाहती। यही वजह है कि इस बार इस बलिदान दिवस पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, युवक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया समेत देशभर के नामचीन आदिवासी नेताओं के भी बलिदान स्थल पहुंचने की सूचना है।
अमर शहीद पिता-पुत्र के बलिदान दिवस को लेकर कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना का कहना है भाजपा ना जाने किस मुगालते में हैं। जिन आदिवासी नेताओं के नाम पर कांग्रेस ने प्रतिमा की स्थापना की उनके बलिदान दिवस पर विस्तृत आयोजनों की घोषणा की, उनके नाम पर दशकों बाद भाजपा का कोई दिग्गज नेता वीर शहीदों को नमन करने पहुंच रहा है। कांग्रेस तो हमेशा से ही अमर शहीद शंकर शाह और रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर आयोजन करती रही है। यह पहला मौका है जब भाजपा को आदिवासी जननायकों की याद आई है। लेकिन इससे कुछ खास असर नहीं पड़ने वाला है।