सेनेटाइजेशन व कीटनाशक छिड़काव के लिए उपलब्ध मशीनरी-
-250 स्प्रे मशीन
-8 वीकल मोंट मशीन हैं
-5 जेट मशीन हैं 2 हजार लीटर की
-5 बड़े वाहनों से फागिंग जारी
-सेनेटाइजेशन की टीम भी कर रही है फॉगिंग
-7 जेट मशीन 1 लीटर क्षमता
-1 पीली जेट मशीन 4 हजार लीटर
-7 से 8 लीटर सोडियम हाइपो क्लोराइड डालते हैं टंकी में
-2 पोर्टेबल मशीन हर टीम में
-3 पेट्रोल स्प्रे हर टीम में
-6 लीटर मैलाथियान की खपत रोजाना
-200 मिलीमीटर किं ग फॉग एक में कुल 8 में उपयोग हो रही
-1 जेट मशीन हर जोन में 500 लीटर की, 1-फॉगिंग मशीन
जबलपुर। एक तरफ तो जबलपुर शहर में कोरोना का कहर जारी है। दूसरी तरफ यहां शाम होते ही घर के आंगन से लेकर छत में मच्छरों के कारण बैठना मुश्किल हो रहा है। नाले-नालियों की ठीक ढंग से सफाई नहीं होने के कारण मलेरिया, डेंगू के लार्वा पनप रहे हैं। उनके विनिष्टीकरण के लिए ठीक ढंग से कीटनाशक का भी छिड़काव नहीं हो रहा है। हालांकि नगर निगम की टीम दावा कर रही है कि लार्वा विनिष्टीकरण के लिए नाले-नालियों में जला आइल भी डाला जा रहा है परंतु शहर के ज्यादातर इलाकों में फॉगिंग टीम नजर ही नहीं आ रही है। शहरवासियों को कोरोना से तो राहत नहीं मिली, ऊ पर से डेंगू, मलेरिया का खतरा मंडरा रहा है। जिम्मेदार इसे लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। जोनवार कर्मचारियों को सेनेटाइजेशन व कीटनाशक छिड़काव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। निगम के 79 वार्डों में से अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, हॉट स्पॉट व वीआईपी इलाकों को छोड़कर अन्य स्थानों पर सेनेटाइजेशन या कीटनाशक का छिड़काव नहीं हो रहा है।