इंदौर निवासी संजय शुक्ला सहित अन्य की ओर से दलील दी गई कि माौजूदा आपदा प्रबंधन समिति भंग करके नए सिरे से गठन के दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। 10 मई, 2021 को गृह विभाग, मध्य प्रदेश शासन ने आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि वार्ड वार क्राइसिस मैनेजमेंट समूह बनाए जाएं, जिनमें नोडल अधिकारी नियुक्तकिए जाएं। साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, एनजीओ व महिला समूहों के सदस्य शामिल किए जाएं। लेकिन, इस दिशा में प्रयास नहीं किए गए। इसके स्थान पर कई आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को आपदा प्रबंधन समिति में जगह दे दी गई है। इस वजह से इंदौर शहर के 85 वार्ड में आपदा प्रबंधन के कार्य समुचित प्रगति नहीं हासिल कर पा रहे। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि जनहित याचिका में विस्तार से कोई ठोस तथ्य नहीं दिए गए हैं। इससे जाहिर होता है कि मामला महज सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कवायद है। हाईकोर्ट ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। इस मत के साथ याचिका निरस्त कर दी गई।