टीआई राकेश तिवारी ने बताया कि प्रारम्भिक जांच में सामने आया है कि बाबूलाल विश्वकर्मा ने तबियत खराब होने के बाद 17 सितम्बर को कोरोना की जांच कराई थी। 20 सितम्बर को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें घर में क्वारंटीन करते हुए इलाज किया जा रहा था। 26 वर्षीय इकलौते बेटे अमित विश्वकर्मा ने बताया कि इलाज से पिता को सुधार हो रहा था। सुबह आठ बजे उन्हें काढा पिलाया था। नौ बजे उन्होंने नाश्ता कराया और इसके बाद वह नौकरी पर चला गया। पिता की देख भाल के लिए भांजा सिद्धार्थ था। वह 11 बजे के लगभग जूस और दवाई देने गया तो उन्हें फंदे से लटका देखा।
दो वर्ष पहले पत्नी की हो गई थी मौत
बाबूलाल विश्वकर्मा की पत्नी भगवती की दो वर्ष पहले बीमारी से मौत हो गई थी। बेटे की शादी नहीं हुई है। तीन बेटियों सरिता, ममता व नम्रता की शादी हो चुकी है। घर में बेटा ही देखभाल करने वाला था। आशंका व्यक्त की जा रही है कि बीमारी के तनाव में उन्होंने आत्मघाती कदम उठाया होगा। जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीज की ओर से आत्महत्या करने का ये दूसरा प्रकरण है। इससे पहले सुपर स्पेशलिटी के चौथी मंजिल से 67 वर्षीय रिटायर्ड कर्मी ने कूदकर आत्महत्या की थी।