जबलपुर

Mp High court : बीएमएचआरसी को एम्स में विलय करने पर क्या कर रही केंद्र सरकार

Mp High court ने पूछा, छह सप्ताह में मांगा जवाब

जबलपुरJul 05, 2019 / 07:44 pm

abhishek dixit

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जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा कि भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) को ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में विलय करने के संबंध में केंद्र सरकार क्या कर रही है? एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से छह सप्ताह के अंदर यह बताने को कहा। इसके पूर्व कोर्ट के समक्ष बीएएचआरसी में की गई नियुक्तियों के संबंध में ब्योरा पेश किया गया।

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यह है मामला
भोपाल गैस पीडि़त महिला संगठन सहित अन्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि मॉनीटरिंग कमेटी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में 7 सूत्रीय अनुशंसाएं दी हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ व राजेश चंद ने तर्क दिया कि सरकार को इनका पालन सुनिश्चित करना चाहिए। ताकि गैस पीडि़तों को अपेक्षाकृत बेहतर इलाज मुहैया हो सके, जो कमेटी व बीएमएचआरसी की स्थापना का मूल उद्देश्य है। गत सुनवाई पर कोर्ट ने केन्द्र व राज्य को मॉनीटरिंग कमेटी की 7 सूत्रीय अनुशंसाओं के पालन का निर्देश दिया था।

नहीं हो पा रही भर्तियां
शुक्रवार को केंद्र सरकार की ओर से बीएमएचआरसी में की गई नियुक्तियों का ब्योरा पेश करते हुए बताया गया कि कुछ पद अब भी रिक्त हैं। इनमें या तो नियुक्ति नहीं हो सकी या फिर नियुक्ति के बावजूद जहां चयनित उम्मीदवार ने ज्वादनिंग नहीं दी। वरिष्ठ अधिवक्ता नागरथ ने स्पष्ट किया कि पर्याप्त स्टाफ न होने की वजह से मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि बीएमएचआरसी के एम्स में विलय के मसले पर भी केंद्र सरकार हीलाहवाली कर रही है। केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि इस संबंध में सरकार के पास प्रस्ताव विचाराधीन है। इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को छह सप्ताह में अद्यतन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

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