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यह है मामला
भोपाल गैस पीडि़त महिला संगठन सहित अन्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि मॉनीटरिंग कमेटी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में 7 सूत्रीय अनुशंसाएं दी हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ व राजेश चंद ने तर्क दिया कि सरकार को इनका पालन सुनिश्चित करना चाहिए। ताकि गैस पीडि़तों को अपेक्षाकृत बेहतर इलाज मुहैया हो सके, जो कमेटी व बीएमएचआरसी की स्थापना का मूल उद्देश्य है। गत सुनवाई पर कोर्ट ने केन्द्र व राज्य को मॉनीटरिंग कमेटी की 7 सूत्रीय अनुशंसाओं के पालन का निर्देश दिया था।
नहीं हो पा रही भर्तियां
शुक्रवार को केंद्र सरकार की ओर से बीएमएचआरसी में की गई नियुक्तियों का ब्योरा पेश करते हुए बताया गया कि कुछ पद अब भी रिक्त हैं। इनमें या तो नियुक्ति नहीं हो सकी या फिर नियुक्ति के बावजूद जहां चयनित उम्मीदवार ने ज्वादनिंग नहीं दी। वरिष्ठ अधिवक्ता नागरथ ने स्पष्ट किया कि पर्याप्त स्टाफ न होने की वजह से मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि बीएमएचआरसी के एम्स में विलय के मसले पर भी केंद्र सरकार हीलाहवाली कर रही है। केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि इस संबंध में सरकार के पास प्रस्ताव विचाराधीन है। इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को छह सप्ताह में अद्यतन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।