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जबलपुर

Covid-19 update : प्रदेश के इस शहर में 5 हजार आइसोलेशन बेड चिन्हित

नमूने की जांच से लेकर उपचार के लिए सुविधाओं में जल्द होगा विस्तार

जबलपुरJun 30, 2020 / 08:45 pm

reetesh pyasi

Corona virus (symbolic photo)

Corona virus (symbolic photo)

जबलपुर। शहर कोरोना को मात देने के लिए तैयार हो रहा है। वे सभी सुविधाएं जुटाई और विस्तारित की जा रही हैं जो कोरोना संक्रमितों के उपचार में मददगार हैं। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में गम्भीर संक्रमितों के उपचार में हाई फ्लो ऑक्सीजन थैरेपी कारगर रही है। इसे देखते हुए हाईफ्लो नेजल केनुला और वायपेप उपकरण बढ़ाकर दोगुने किए गए हैं। गम्भीर मरीजों के लिए नए ऑक्सीजन टैंक बनाए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ज्यादा संख्या में आइसोलेशन बेड चिन्हित करने के साथ ही कोरोना संदिग्धों के नमूने की जांच सुविधा बढ़ाने की कवायद कर रहा है। संक्रमण की भावी चुनौतियों से निपटने के लिए करीब पांच हजार आइसोलेशन बेड चिन्हित किया जा चुके हैं। विक्टोरिया अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में कोरोना संदिग्धों के नमूने की जांच के लिए भी नई मशीनों के उपयोग की तैयारी है। इससे ज्यादा संख्या में नमूने की जांच करके संक्रमण का फैलाव का पता लगाकर उसकी रोकथाम की जा सकेगी।
नई ट्रूनेट और आरएनए सैप्रेशन मशीन
स्वास्थ्य विभाग कोरोना संदिग्धों को ढूंढकर उनकी जांच और उपचार के लिए 1 जून से व्यापक सर्वे शुरु कर रहा है। सम्भावना है कि घर-घर जाकर होने वाली जांच में कई हाई रिस्क कोरोना संदिग्ध केस मिल सकते हैं। नए संदिग्ध मिलने से जांच के लिए भेजे जाने वाले थ्रोट स्वाब के नमूने की संख्या तेजी से बढ़ेगी। इनकी जांच की चुनौती से निपटने के लिए टैस्ट लैब में मशीन बढ़ानें के प्रयास किए जा रहे हैं। विक्टोरिया अस्पताल में टीबी जांचने की ट्रूनेट मशीन से कोरोना स्क्रीनिंग और कन्फर्म रिपोर्ट मिलने की सुविधा से संदिग्धों की जांच में बड़ी मदद मिली है। इसके बाद एक और ट्रूनेट मशीन लाकर कोरोना जांच क्षमता दोगुनी करने प्रयास हो रहे हैं।
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मरीजों की जांच और उपचार के लिए नए संसाधन जुटाए जा रहे हैं। आइसोलेशन के लिए निजी और सरकारी अस्पतालों में बेड चिन्हित है।
डॉ. रत्नेश कुररिया, सीएमएचओ
कोरोना के उपचार के लिए बेहतर सुविधाए जुटाई जा रही हैं। नए ऑक्सीजन टैंक स्थापित करने के लिए निजी कम्पनी के साथ अनुबंध हुआ है। अनुबंध में ऑक्सीजन सप्लाई की दरें प्रदेश में अन्य मेडीकल कॉलेजों की तुलना में सबसे कम है।
डॉ. पीके कसार, डीन, मेडिकल कॉलेज
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