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जबलपुर

पहले हथियाया मलाईदार पद, फिर गड़बड़झाला

दस वरिष्ठ अफसरों को किया गया था नजरअंदाज

जबलपुरJan 18, 2020 / 08:30 pm

virendra rajak

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जबलपुर. मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी में हुए 600 करोड़ के घोटाले के आरोप जिस अफसर पर लगे, उस अफसर ने पहले मलाईदार पद हथियाया और फिर गड़बड़झाले का खेल शुरू किया। मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी में सीजीएम के पद पर पदस्थ अजय शर्मा ने आला अफसरों से ऐसी सैटिंग जमाई कि दस वरिष्ठ अधिकारियों को कम्पनी ने नजरअंदाज किया उन्हें सीधे प्रभारी चीफ इंजीनियर बना दिया गया। इसमें वरिष्ठता सूची का भी ध्यान नहीं रखा गया।
जानकारी के अनुसार जबलपुर सिटी सर्किल में अधीक्षण अभियंता के बाद अजय शर्मा को सीधे आरएपीडीआरपी का प्रभारी मुख्य अभियंता बना दिया गया था। जबकि, वरिष्ठता सूची में शर्मा से वरिष्ठ संजय भागवतकर, कांतीलाल वर्मा, अमित कुमार मेश्राम, अनिल पांडे, देवेंद्र कुमार, आदित्य कुमार परते, जीपी तिवारी, गिरधर वासनिक, अशोक कुमार निकोसे, प्रकाश दुबे शामिल थे।
नहीं घटा लाइनलॉस

शर्मा के कार्यकाल में 600 करोड़ की उक्त योजना के बावजूद लाइन लॉस घटाने में सफलता नहीं मिली। दो कम्पनियां भुगतान लेकर अधूरा काम छोडकऱ भाग गईं। लोकायुक्त में शिकायत पंजीबद्ध हुई, इसके बावजूद वर्ष 2018 में शर्मा को आरएपीडीआरपी से अलग परचेज और राजस्व विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी गई। सूत्रों के अनुसार जबलपुर सिटी में काम कर चुकी ए टू जेड और भगोड़ा माल्या की कम्पनी यूवी इंजीनियरिंग गु्रप के समय आरएपीडीआरपी के तत्कालीन प्रभारी अजय शर्मा सहित कई अन्य अधिकारियों ने भी लाखों रुपए की गड़बड़ी की है। वर्ष 2009 में आरएपीडीआरपी की योजना जबलपुर सहित 27 शहरों में लागू की गई थी।

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